Bihar Teacher Result: जब से बिहार में शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी हुआ है, तब से लगातार धांधली के आरोप लग रहे हैं। सियासी दलों के नेताओं से लेकर असफल शिक्षक अभ्यर्थी भी गड़बड़ी की शिकायत लगाकर दोबारा से परिणाम जारी करने की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर बुधवार को शिक्षक अभ्यर्थियों ने बीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। हालांकि पुलिस ने उनको वहां से जबरन भगा दिया।

बीपीएससी कार्यालय के बाहर हंगामा
बीपीएससी कार्यालय के बाहर विभिन्न विषयों के सैकड़ों अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे। ये लोग लगातार रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर रहे थे। वहीं पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए इन प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थियों को वहां से खदेड़कर भगा दिया। इस दौरान उन लोगों पर हल्का लाठीचार्ज भी किया। जिससे अभ्यर्थियों में नाराजगी देखने को मिल रही है।

बीपीएससी अध्यक्ष से मिले अभ्यर्थी
इससे पहले अभ्यर्थियों की मांगों पर छात्र नेता दिलीप समेत पांच अभ्यर्थियों ने बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद को ज्ञापन सौंपा। जिस पर बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि जल्द ही सभी विषयों का कट ऑफ जारी किया जाएगा। उन्होंने जल्द ही एक अथवा एक से अधिक सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करने की भी की घोषणा की है।

क्या है शिक्षक भर्ती में धांधली का आरोप?
शिक्षक अभ्यर्थियों का आरोप है कि एक ही कैटेगरी में जिन लोगों को कम नंबर आया है, उनको भी पास घोषित कर दिया गया है। वहीं अधिक अंक लाने के बावजूद कई अभ्यर्थियों को फेल कर दिया गया है। इतना ही नहीं जिला आवंटन में जिन तीन जिलों का नाम मांगा गया था, उनको छोड़कर अन्य जिले दिए जा रहे हैं। पैसे लेकर जिला आवंटन हो रहा है। इनका यह भी कहना है कि प्राइमरी में भी बीएड का रिजल्ट जारी कर दिया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रोक लगा रखी है। इसके अलावे साल 2000 में जन्म लेने वाली अभ्यर्थी भी पास घोषित किए गए हैं।

बिहार में 122324 अभ्यर्थी उत्तीर्ण
बिहार में बीपीएससी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। 170461 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी, जिसमें में 122324 अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए हैं। इनमें प्रारंभिक के लिए 79943 सीटों पर आई वैकेंसी में 72419 अभ्यर्थी पास हुए, जबकि माध्यमिक के लिए 32916 सीटों पर आयोजित परीक्षा में 26204 कैंडिडेट पास घोषित हुए। वहीं उच्च माध्यमिक के लिए 57602 सीटों पर वैकेंसी निकली थी, जिसमें 23701 अभ्यर्थी उतीर्ण हुए हैं।

बहाली में गड़बड़ी की पोल
इसी कड़ी में झारखंड से आए युवक मुकेश कुमार सिंह ने बीपीएससी कार्यालय के पास आकर कहा कि वह त्यागपत्र देते हैं, क्योंकि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भारी पैमाने पर धांधली हुई है। आंख बंद करके डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कर दिया गया है और कोई कागज देखे ही नहीं गए हैं। वह एसटीईटी पास नहीं है, लेकिन उच्च माध्यमिक में काउंसलिंग के दौरान उनके डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्लियर करके ट्रेनिंग सेंटर पर योगदान करने के लिए जॉइनिंग लेटर थमा दिया गया। मैं बीपीएससी की परीक्षा में 69 अंक लाकर उत्तीर्ण हुआ हूं, लेकिन एसटीईटी पास ही नहीं हूं। गलत तरीके से मेरा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन क्लियर किया गया है।

शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए मुकेश बने मिसाल
इस मौके पर छात्र नेता दिलीप ने मुकेश की ईमानदारी को प्रोत्साहित करते हुए उनकी सराहना की। दिलीप ने कहा कि वह पिछले आठ वर्षों से छात्र हित में आंदोलन करते आ रहे हैं और आज खुशी हुई कि कोई अभ्यर्थी है जो सामने आकर यह स्वीकार किया कि वह अनुचित तरीके से शिक्षक नहीं बनेंगे। हजारों अभ्यर्थी ऐसे हैं जो एसटीईटी क्वालिफाइड नहीं है लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र थमा दिया गया है।

छात्र नेता ने उठाए ये सवाल
छात्र नेता दिलीप ने बताया कि परीक्षा के दौरान नोटिफिकेशन में स्पष्ट प्रावधान था कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में वही अभ्यर्थी शामिल होंगे जो अपने विषय में एसटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण हैं। 2023 एसटीईटी परीक्षा के अपीयरिंग अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते थे और उससे पहले आखिरी बार 2019 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था। 2019 तक माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में स्पष्ट प्रावधान था कि डोमिसाइल नीति है और दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थी उसमें नहीं बैठ सकते थे। ऐसे में उच्च माध्यमिक और माध्यमिक में दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थी कैसे सफल हो गए हैं यही सबसे बड़ा सवाल है?

सेकंड मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग
अभ्यर्थियों ने आयोग से मांग की है कि ऐसे तमाम अभ्यर्थी जो फर्जी तरीके से बहाल हुए हैं उनकी उम्मीदवारी रद्द की जाए और उनकी जगह सेकंड मेरिट लिस्ट जारी कर योग्य उम्मीदवारों को जगह दिया जाए। अपनी मांगों को लेकर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों पर हल्का बल प्रयोग किया और सभी को खदेड़ दिया।