पटना ब्‍यूरो। इंडियन एसोसिएशन आफ कास्मेटिक गायनेकोलाजी व पटना आब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलाजिकल सोसायटी के तत्वावधान में रविवार को पटना में पहली अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इंडियन रिजेनेरेटिव एंड एस्थेटिक गायनेकोलाजी कांग्रेस-2024 की आयोजन सचिव डा। मिनी आनंद ने बताया कि प्रदेश की महिलाएं अब प्रसव बाद की जटिलताओं व सौंदर्य समाधान के प्रति जागरूक हुई हैं। उन्हें प्रदेश में ही ये अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली सुविधाएं मुहैया कराने को इस वैज्ञानिक समारोह का कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसमें देश-विदेश के करीब 150 कास्मेटिक गायनेकोलाजिस्ट शामिल हुए हैं। कार्यशाला का आयोजन 27 मई को सन हास्पिटल के माड्युलर ओटी में किया जाएगा। कांफ्रेस में इंटरनेशनल फैकल्टी डा। सिवेल उस्टनल, डा। बाहारेह अरबाबी, थाईलैंड की डा। नापवारी चान्त्वांग, अमेरिका के डा। एम सलमान प्लास्टिक सर्जन ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का उद्घाटन पद्मश्री डा। प्रो शांति राय, डा। प्रमिला मोदी, डा। सुषमा पांडेय, डा। गरिमा श्रीवास्तव, डा। मिनी आनंद, डा। मीना सामंत, डा। प्रवीण अग्रवाल, डा। विद्या पंचालिया व डा। नितेश प्रजापति ने किया।
डा। शांति राय ने कहा कि कास्मेटिक गायनेकोलाजी का प्रदेश में तेजी से विकास हुआ है। बहुत सी महिलाएं इसका लाभ ले रही है। हालांकि, सर्जरी बहुत जरूरी होने पर ही की जाए क्योंकि इसके अपने दुष्प्रभाव होते हैं। वहीं, डा मिनी आनंद ने बताया कि योनि कायाकल्प, लैबियोप्लास्टी व अन्य कास्मेटिक ङ्क्षचताओं के लिए सर्जिकल व नन सर्जिकल प्रक्रियाओं में नवीनतम शोध और तकनीक साझा करने में यह कांफ्रेंस उपयोगी साबित होगी। डा। मीना सामंत, डा। पूनम लाल, डा। प्रज्ञा रानी मिश्रा, डा। सुप्रिया जायसवाल, डा। सुषमा पांडेय ने कहा कि प्रसव बाद मूत्र मार्ग में संक्रमण, रजोनिवृत्ति जैसी परेशानी झेल रही महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। मूत्र असंयम, योनि में ढीलापन-सूखापन आदि का उपचार बिना सर्जरी के संभव है।