केस वन  - पल्लवी का एज 12 साल के करीब था। उसे पूर्णिया से लाकर पटना में हड़ताली मोड़ के पास एक ऑफिसर के घर रखा गया। वहां से उसे बाहर भेजने की तैयारी चल रही थी। तभी लेबर डिपार्टमेंट को पता चला। रेड पड़ी और लड़की को छुड़ाकर उसे वापस घर भेज दिया गया।

केस टू  - कोडरमा से दो लड़की को लाकर खुशरूपुर में रखा गया। उसे झारखंड में ईंट भट्टे के काम के लिए ले जाने की तैयारी चल रही थी। तभी इसके बारे में पता चला तो बचपन बचाओ आंदोलन और लेबर डिपार्टमेंट की मदद से उस लड़की को बचाया जा सका.

पटना है source area
लेबर डिपार्टमेंट, सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट और बचपन बचाओ आंदोलन की मानें तो पिछले कुछ सालों में पटना में गल्र्स ट्रैफिकिंग का केस काफी बढ़ गया है। पटना में लड़की लाई भी जाती है, ठहराया भी जाता है और पटना से लड़की को ले भी जाया जाता है। इस संबंध में सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर मुनव्वर हाशमी ने बताया कि अभी हाल में एक रिपोर्ट विभाग की ओर से आई है। इसके तहत देखा गया है कि ट्रैफिकिंग में पटना सोर्स के साथ ट्रांजिट और डेस्टिनेशन का भी काम करता है। पटना में लाई जाने वाली गल्र्स को पटना के अलावा आसपास के एरिया में रखा जाता है। इसके अलावा कुछ लड़कियों को पटना में और कुछ को बाहर भेजा जाता है।

Fake marriage  बनता कारण
घटना 29 नवंबर 2012 की है। भागलपुर में मीना देवी और उसकी कुछ साथियों के साथ कई लड़कियों को एक होटल से पकड़ा गया। इन सारी लड़कियों को उसके परिवार वालों ने 5-5 हजार रुपए में बेच दिया था। यह कहानी किसी एक लड़की की नहीं है। बल्कि हर दिन इस तरह के केस सामने आ रहे हैं। फेक मैरेज के नाम पर परिवार वाले लड़की को बेच देते हैं। इस संबंध में बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट को-ऑर्डिनेटर मोखतारूल हक ने बताया कि आजकल फेक मैरेज का चलन-सा हो गया है, जो टै्रफिकिंग का कारण बन जाती है। इस धंधे में लगे लोग यहां से शादी कर लड़की को ले जाते हैं और बाहर जाकर उसे बेच देते हैं।

Girls trafficking पर यात्रा का आयोजन
गल्र्स टै्रफिकिंग पर एक यात्रा का आयोजन आसाम में किया जाएगा। बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित इस यात्रा की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अलतमस कबीर करेंगे। इस मौके पर देश भर के लोग शामिल होंगे। यात्रा गुवाहटी से डूबरी तक जाएगी। इस यात्रा का मकसद देश भर में गल्र्स की हो रही टै्रफिकिंग का विरोध करना है।

Border area जहां होती अधिक trafficking
नेपाल से सटे बॉर्डर एरिया
किशनगंज, अररिया, सुपौल, सीतामढ़ी, मधुबनी, पश्चिम चंपारण और पूर्वी चम्पारण

वेस्ट बंगाल बॉर्डर एरिया
पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका
बिहार में इन स्टेट से आती हैं गल्र्स
झारखंड और आसाम
इन स्टेट में जाती हैं बिहार की लड़कियां
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, आसाम, झारखंड

Causes of trafficking
- सेक्सुल एब्यूज
- ह्यूमन बम के लिए
- आत्मघाती दस्ता तैयार करने के लिए
- फोर्स लेबर यानी घरेलू बाल मजदूर बनाने के लिए
- इंडिया आने और यहां से बाहर जाने वाले टूरिस्ट्स के लिए
- फेक मैरिज के नाम पर

Report by Rinku Jha