पटना (ब्यूरो)। बिहार के सुपौल जिले के वीरपुर में जल संसाधन विभाग द्वारा देश का दूसरा फिजिकल मॉडलिंग सेंटर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इस केंद्र के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस अवसर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीरपुर के निर्माणाधीन मॉडङ्क्षलग सेंटर का निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यह सेंटर प्रदेश में विशेष महत्व का होगा। इसके शुरू होने से बाढ़ प्रबंधन और ङ्क्षसचाई की योजनाओं के लिए नदियों से जुड़े जरूरी अध्ययन को कम समय में पूरा किया जा सकेगा।
पाग पहनाकर किया स्वागत
इससे पूर्व वे जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के साथ 12 बजकर 54 मिनट पर वीरपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे। वहां वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार ङ्क्षसह बबलू ने पाग, माला एवं बुके से उनका भव्य स्वागत किया। यहां पार्टी कार्यकर्ता एवं अधिकारी उपस्थित थे। उनके साथ दस मिनट तक उन्होंने बातचीत की। उसके बाद वे फिजिकल मॉडङ्क्षलग सेंटर जाकर वहां चल रहे कामकाज का जायजा लिया। इस दौरान वहां वीरपुर के जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (फ्लड) ने उन्हें निर्माणाधीन कैंपस प्लान की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि जल संसाधन के बेहतर उपयोग के उद्देश्य से यहां उच्च स्तर के फिजिकल मॉडङ्क्षलग सेंटर की स्थापना की जा रही है।

देश में दूसरा दूसरा संस्थान
नदियों के हाइड्रोलिक गुणों के अध्ययन के लिए यह पुणे स्थित सेंटर वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन के बाद भारत का दूसरा संस्थान होगा। जल विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में इस तरह का उन्नत संस्थान दुनिया के गिने-चुने देशों में ही है। इस केंद्र का निर्माण कार्य 108.93 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है। शुरू में यहां कोसी नदी से संबंधित अध्ययन किया जाएगा। लेकिन बाद में बिहार एवं पड़ोसी राज्यों की अन्य नदियों से जुड़े डाटा इक_ा कर उनके जल संचयन और प्रवाह क्षमता आदि की जानकारी जुटाई जाएगी। इस सेंटर में मुख्य रूप से कोसी नदी व कोसी बराज का भौतिक प्रतिमान रहेगा।

सीएम ने निर्माण कार्यो की ली जानकारी
मुख्यमंत्री ने इन स्थलों का भ्रमण कर चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली। उन्हें जानकारी दी गई कि दिसंबर तक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने इसके शुरू हो जाने पर बाढ़ प्रबंधन और ङ्क्षसचाई की योजनाओं के लिए नदियों से जुड़े जरूरी अध्ययन को कम समय में पूरा किया जा सकेगा। यहां नदियों के हाइड्रोलिक गुणों का अध्ययन किए जाने से बिहार के साथ-साथ दूसरे राज्यों को भी फायदा होगा।
पूर्वी कोसी तटबंध का किया निरीक्षण
इसके बाद मुख्यमंत्री ने पूर्वी कोसी तटबंध के पुनस्र्थापन एवं सुदृढ़ीकरण कार्य का भी निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि स्पर का सुरक्षात्मक एवं पुनस्र्थापन कार्य पीवीसी कोटेड गैबियन बाक्स में बोल्डर डालकर किया जा रहा है। इस दौरान वे स्पर संख्या 16,30 एवं 22,30 पर पहुंचे और अभियंता से पूरी जानकारी ली। गोताखोर को नदी में भेजकर उन्होंने बोल्डर क्रेङ्क्षटग की स्थिति की भी जानकारी ली।