-पटना हाई कोर्ट में पटना निवासी मुस्तफा हुसैन की ओर से सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार चौधरी और उनके असिस्टेंट अक्षांश अंकित ने दायर की पीआईएल

PATNA: पीआईएल में आरोप लगाए गए हैं कि देश में कोरोना के बीच बिहार में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है और अफसर इसे आंख मूंद कर देख रहे हैं। पीआईएल दायर करने वाले वादी मुस्तफा हुसैन ब्रांड प्रोडक्शन कंपनी के एक्स एमडी रहे हैं और दवा कारोबार के बारे में गहरी समझ रखते हैं। ऐसे में उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर बिहार में कोरोना से बचाव के नाम पर बिक रहे मास्क, सैनिटाइजर, उपकरणों और दवाओं की घटिया क्वालिटी और अवैध कारोबार को लेकर सवाल उठाए हैं। कोरोना संकट में सब्सटैंडर्ड मास्क और नकली सैनिटाइजर भी पकड़े गए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि पब्लिक जिस मास्क और सैनिटाइजर को सेफ्टी आइटम मानकर यूज कर रही है वह उनकी हेल्थ के साथ खिलवाड़ साबित हो रहे हैं।

बिक रहे घटिया मास्क

कोरोना से बचाव का सबसे बड़ा हथियार मास्क को बताया जा रहा है लेकिन बिहार की गली-गली में सब्सटैंडर्ड मास्क बिक रहे हैं जिनकी क्वालिटी पर कंट्रोल करने वाला कोई नहीं है। बिहार में मास्क निर्माण और बिक्री के लिए कोई नियम ही नहीं बने हैं। ऐसे में लोग सेफ्टी के नाम पर घटिया मास्क पहनकर अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं। मास्क निर्माण और बिक्री पर अफसरों को मॉनिटरिंग और कंट्रोल करना चाहिए।

ऑक्सीमीटर के मनमाने दाम

पीआईएल में यह भी आरोप लगाए गए हैं कि टेंपरेचर नापने के लिए इंफ्रारेड थर्मोमीटर और ऑक्सीजन लेने में तकलीफ वाले मरीजों को ऑक्सीमीटर भी मनमाने दाम पर बेचे जा रहे हैं।

कंट्रोल से बाहर मामला

कोरोनावायरस के बीच रेमेडीसिविर वैक्सीन को संक्रमित मरीज के लिए पावरफुल इम्युनिटी बूस्टर बताया गया है। इस वैक्सीन के कारोबार को पटना में कुछ ऐसे लोग चला रहे हैं जो दवाओं की कालाबाजारी में जेल तक जा चुके हैं। नकली वैक्सीन बेचते पकड़े गए, एफआईआर दर्ज हुई, ड्रग लाइसेंस निरस्त हुआ। फिर दूसरे नाम से ड्रग लाइसेंस लेकर कारोबार शुरू कर दिया। ऐसे लोगों से कोरोना महामारी के बीच सही कीमत पर और सही समय पर दवा उपल?ध कराने की उम्मीद करना बेमानी लगता है। लेकिन ड्रग डिपार्टमेंट के अफसर ऐसे घोटालेबाजों से हाथ मिलाकर इस खेल में शामिल हैं।

अफसरों पर आरोप

पीआईएल में चीफ सेक्रेटरी, एसीएस होम, स्पेशल सेक्रेट्री पुलिस, डीजीपी, एडिशनल डीजी लॉ एंड ऑर्डर, प्रिंसिपल सेक्रेट्री हेल्थ, डायरेक्टर हेल्थ, डायरेक्टर डिजीज कंट्रोल, डायरेक्टर मेंटल हेल्थ, स्टेट ड्रग कंट्रोलर, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर और असिस्टेंट कंट्रोलर को पार्टी बनाया गया है।

पहले भी किया था खुलासा

वादी मुस्तफा हुसैन ने ही पिछले दिनों एक नामचीन कंपनी के ब्रांड का दुरुपयोग की शिकायत पर हाजीपुर में नकली सैनिटाइजर फैक्ट्री में छापेमारी की थी। वहां बड़ी संख्या में ब्रांडेड कंपनी के नाम से नकली सैनिटाइजर पकड़ा गया। यह एक उदाहरण भर है। प्रदेश में जगह-जगह सैनिटाइजर के नाम पर घटिया और नकली आइटम बन और बिक रहे हैं। धंधा जोरों पर है। सरकार ने सैनिटाइजर निर्माण के लिए मानक तो बना दिए, लाइसेंस की अनिवार्यता भी कर दी, पर ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट अवैध निर्माण और नकली सामान पर कार्रवाई के लिए कोई जहमत नहीं उठा रहा।

दवा कंपनियों के साथ काम करते हुए मिले अनुभव के आधार पर बिहार में चल रहे नकली दवा और घटिया उपकरणों व कीमतों में मनमानी का पता लगाया और पीआईएल दायर की है। लापरवाह अफसरों के खिलाफ कोर्ट से एक्शन की उम्मीद है।

-मुस्तफा हुसैन, पीआईएल के वादी