-दिल्ली ही नहीं, पटना की हवा भी हुई सांस लेने लायक नहीं

- समय पर भगवान भास्कर के दर्शन नहीं होने से परेशान दिखे छठ व्रती

PATNA(3 Nov):

देश की राजधानी दिल्ली में एयर पॉल्यूशन की चर्चा खूब हो रही है लेकिन आपको यह जानकर हैरत हो सकती है कि पटना की हवा भी बहुत खराब है। पटना में एयर पॉल्यूशन लेवल तेजी के साथ ऊपर बढ़ रहा है जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। छठ के मौके पर आसमान में सूरज देवता का दर्शन नहीं होना इस बात का संकेत था कि हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। दिवाली के बाद छठ के दिन प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रहा। रविवार की सुबह छह बजे यहां प्रदूषित धूलकण (पीएम 2.5) का लेवल 429 रहा। एयर पॉल्यूशन के मामले में यह बेहद खतरनाक स्थिति मानी जाती है। दिवाली के अगले दिन पीएम 2.5 का लेवल 206 रिकार्ड किया गया था। 2 नवंबर को पटना में पीएम 2.5 का स्तर 286 था। एयर क्वालिटी इंडेक्स में पटना की हवा वेरी पुअर कैटेगरी में पहुंच गई है। ब्रोंकाइटिस और सांस से जुड़ी हुई अन्य बीमारियों के मरीज डॉक्टरों के पास पहुंचने लगे हैं। अगर जल्दी इस पॉल्यूशन लेवल में गिरावट नहीं आई तो पटना से दिल्ली के साथ खड़ा दिखेगा। डॉक्टरों ने भी सांस से संबंधित रोगियों को विशेष सावधानी बरतने को कहा है। साथ ही साथ सामान्य लोगों के लिए भी मास्क के इस्तेमाल को जरूरी बताया है।

पटना दिल्ली से भी बदतर

प्रदूषण के मसले पर रिसर्च, सर्वे और एडवोकेसी वर्क कर रही संस्था सीड्स के अनुसार प्रदूषण का बढ़ता मौजूदा ग्राफ से पता चलता है कि पटना की स्थिति दिल्ली जैसी ही होने वाली है। सीड्स की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अंकिता ज्योति ने बताया कि जहां दिल्ली में इमरजेंसी जैसे हालात होने से पहले और अब भी सरकार के स्तर पर और आमलोगों के द्वारा खूब प्रयास हो रहे हैं। लेकिन इसके उलट पटना में सिर्फ कहने को क्लीन एयर एक्शन प्लान है। यहां किसी भी पारामीटर पर काम नहीं हो रहा है जिससे प्रदूषण कम किया जा सके।

पूरे माह के औसत पर एक दिन भारी

यदि प्रदूषण के ग्राफ को गंभीरता से देखे तो पता चलता है कि साल बदला लेकिन हालात नहीं बदले। यदि वर्ष 2018 के पूरे नवंबर माह की बात करें तो पीएम 2.5 का लेवल औसतन 300 से अधिक पाया गया। वर्ष 2018 में 20 नवंबर को पीएम 2.5 सर्वाधिक पाया गया, जो 413 रिकार्ड किया गया। जबकि सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नई दिल्ली के मुताबिक इस वर्ष 2019 छठ का दिन (03 नवंबर) को पीएम 2.5 का लेवल 429 रिकार्ड किया गया।

तय समय से बाद पड़ा अ‌र्ध्य

रविवार की सुबह अन्य सुबह से अलग रही। धुंध और प्रदूषण के सम्मिलित प्रभाव से स्मॉग भी पटना में जबरदस्त रहा। हवा में बढ़े पॉल्यूशन लेवल और उससे बने धुंध की वजह से सुबह सूर्य देवता के दर्शन नहीं हो सके। उदयीमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के लिए गंगा घाट और तालाबों और घरों में खड़ी व्रतियों ने काफी इंतजार के बाद अ‌र्घ्य दे दिया.पटना में सुबह 5.59 बजे सूर्योदय का वक्त था। जबकि सुबह 6.18 से 6.40 बजे के बीच अ‌र्घ्य दिया जाना था लेकिन सूर्य देवता के दर्शन नहीं हो पाए। सूर्य दर्शन नहीं होने से व्रती और श्रद्धालु परेशान दिखे। वायु प्रदूषण ने व्रतियों और भगवान भास्कर के बीच दीवार बना दी।

कोट

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पटना की स्थिति भी दिल्ली जैसी हो जाएगी। सिर्फ समय बीत रहा लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के कारगर उपाय नहीं हो रहे हैं। सरकार और सिविल सोसाइटी सबको इसके लिए ठोस काम करना होगा।

अंकिता ज्योति सीनियर प्रोग्राम मैनेजर सीड्स