-बारिश और जागरूकता के बाबजूद पटना में 11 गुना अधिक प्रदूषण

- दिवाली की रात 10 बजे के बाद पटाखों से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा

- दिवाली से पहले बारिश का असर भी प्रदूषण कम नहीं कर सका

PATNA (28 Oct):

पटना में इस बार दिवाली की रात

तमाम प्रतिबंधों के बावजूद जमकर पटाखे छूटे जिसके कारण पॉल्यूशन डेंजर जोन को पार कर गया। पीएम 2.5 का लेवल 697 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पर पहुंच गया। यह स्थिति तब है जब पटना में दिवाली से पहले बारिश हुई और करीब दो हफ्ते बिहार स्टेट पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने प्रदूषण के प्रति जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए। विशेषज्ञों के अनुसार देर रात तक जमकर पटाखे छोडे़ जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। खास तौर पर प्रदूषण का ग्राफ रात 10 बजे के बाद तेजी से बढ़ने लगा। पटना में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) हवा में प्रदूषण की मात्रा 60 की तुलना में 697 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज रिकार्ड किया गया। पांच घंटे से अधिक समय तक पटाखे पटना में जलते रहे और इसके प्रभाव के कारण हवा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर दिखा।

बेअसर रही सख्ती

जहां एक ओर जिला प्रशासन की ओर से पटाखों की खपत कम करने के लिए बडे़ स्तर पर प्रयास की बात की गई थी, उसका असर नहीं दिखा। हर गली -मुहल्ले में पटाखे बिकते दिखे और जमकर इसकी खरीदारी हुई। पटाखों के जलने से कार्बन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड और कई जहरीली गैस हवा में घुल- मिलकर सांस संबंधी बीमारियों, एलर्जी और अन्य बीमारियों का कारण बना है।

सभी पक्षों का नहीं रहा सहयोग

सेंटर फॉर एन्वायरॉनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अंकिता ज्योति ने बताया कि रात 10 बजे के बाद से स्थिति बिगड़ने लगी। रात 10 बजे जहां पीएम 2.5 को 115.4 रिकार्ड किया गया। वहीं, रात 12 बजे यह 697.2 रिकार्ड किया गया। सुबह यह 515.12 रिकार्ड किया गया। इस प्रकार दिवाली और इसके दूसरे दिन भी प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रिकार्ड किया गया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति चिंताजनक इसलिए है क्योंकि जागरूकता के लिए बडे़ स्तर पर अभियान चलाये जाने और बारिश के कारण दिवाली के दिन प्रदूषण की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं दिखा। यह दर्शाता है कि पटाखों का जमकर प्रयोग किया गया और आम लोगों ने भी प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। सभी पक्षों का सहयोग नहीं दिखा। हालांकि बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष स्थिति थोड़ी बेहतर है। बीते वर्ष पीएम 2.5 700.1 रिकार्ड किया गया था।

कोट

बोर्ड ने अपनी ओर से प्रदूषण कम करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया। लेकिन इसमें सभी के सहयोग से ही प्रदूषण की स्थिति में अपेक्षित सुधार लाया जा सकता है।

- वीरेंद्र कुमार पीआरओ बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

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स्थिति बेहद चिंताजनक है। सरकार को पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी जारी करनी चाहिए। क्लीन एक्शन प्लान के सभी पक्षों पर गंभीरता से काम ही नहीं किया जाना भी समस्या है।

- अंकिता ज्योति सीनियर प्रोग्राम मैनेजर सीड्स

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पीएम 2.5 का स्तर

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वर्ष 2018

सात नवंबर की रात

08 बजे - 251.0

12 बजे - 700.1

आठ नवंबर सुबह

04 बजे- 920.0

08 बजे - 441.38

12 बजे- 373.12

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वर्ष 2019

27 अक्टूबर की रात

08 बजे - 114.5

12 बजे - 697.2

28 अक्टूबर की सुबह

04 बजे- 515.12

08 बजे - 190.12

12 बजे- 121.0

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दो दिनों का निष्कर्ष

सीड ने बिहार स्टेट पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों से विगत 27 और 28 अक्टूबर के दिन यानी दिवाली और दिवाली के बाद औसतन 4 घंटा पीएम 2.5 डाटा का संग्रह किया। इन दो दिनों में पटना, के एयर पाल्यूशन में बतौर निष्कर्ष ये मुख्य बातें सामने आयीं।

- दिवाली की रात और अगले दिन पटनामें प्रदूषण खतरनाक स्तर पर।

- दिवाली के दिन के समय 12 बजे दोपहर से 4 बजे तक पीएम 2.5 का स्तर नीचे था।

-दिवाली की शाम चार बजे के बाद इसमें बढ़ोतरी दर्ज होने लगा। रात 12 बजे यह उच्च स्तर पर रिकार्ड किया गया।