- सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की एडवाइजरी में मास्क लगाने की है बात

- दुनिया के टॉप टेन प्रदूषित शहर में दिल्ली के साथ पटना का भी नाम

PATNA (4 Nov):

पटना में पॉल्यूशन डेंजर लेवल पर है और यह पॉल्यूशन पटनाइट्स की उम्र घटा रहा है। चौंकिये मत, यह सच है। एपिक इंडिया और सीड्स के ज्वाइंट स्टडी में यह बात प्रमाणित हुई है कि पॉल्यूशन का यह लेवल करीब साढ़े सात साल तक औसतन उम्र घटा रहा है। पिछले दो-तीन दिनों से जो एयर क्वालिटी इंडेक्स का हाल है वह इसकी हकीकत बयां कर रहा है। सड़कों पर मास्क लगाए लोग और सीओपीडी के बढ़ते मरीज आज पटना में आम हो गए हैं। स्थिति इतनी खराब हो रही है कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एडवायजरी जारी की है पीएम 2.5 का स्तर 350 से 400 होने पर मास्क लगाकर लोग रहें।

आज पटना देश नहीं बल्कि दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुका है.पर्यावरण के प्रति दुनिया भर में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्रीनपीस एवं एक अन्य संगठन के द्वारा जारी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के सात शहर हैं जिसमें दिल्ली पहले स्थान पर है जबकि पटना सातवें स्थान पर है। पटना के लिए यह रैंकिंग हैरान - परेशान करने वाला है। क्योंकि पटना न तो इंडस्ट्रियल टाउन है न ही इसके आस-पास पराली जलाये जाने की खबर मिली है। एक्सपर्ट बताते हैं कि अभी भी यहां प्रदूषण नियंत्रण के लिए मौलिक बातों पर न तो सरकार और न ही यहां के स्थानीय लोग ही कोई काम कर रहे हैं। इसलिए यह भयावह स्थिति पैदा हो गई है।

पॉल्यूशन विभाग ने जारी की एडवाइजरी

पॉल्यूशन विभाग की तरफ से लोगों को घर से मास्क लगा कर निकलने और घर के आस पास धूल कण को हवा में उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव करने की सलाह दी गई है। घरों की खिड़की बंद रखने, कमरे में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करने और दमा और अस्थमा से ग्रसित लोगों को इनहेलर हमेशा अपने पास रखने की सलाह दी गई है। प्रदूषण के बढ़ते इस स्तर से बच्चों की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिन बच्चों को आस्थमा की प्रॉब्लम है, उनकी तकलीफ बहुत बढ़ गई है।

कोट

यह अलार्मिग स्टेज है और बोर्ड ने यह पहले ही बता दिया है कि किस विभाग की क्या जिम्मेवारी है। लेकिन जब समुचित प्रयास नहीं होंगे तो प्रदूषण तो बढेगा ही। प्रदूषण से निपटना हर किसी की जिम्मेदारी है।

- डॉ अशोक घोष डायरेक्टर बिहार स्टेट पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

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दुनिया में बीमारियों से सीओपीडी मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण था लेकिन अब यह तीसरे पायदान पर है। पीएमसीएच में ऐसे कई पेशेंट ठीक होने के बाद फिर से वेंटिलेटर पर आ रहे है। यह प्रदूषण का खतरा है।

- डॉ समरेंद्र कुमार झा असिस्टेंट प्रोफेसर, चेस्ट डिपार्टमेंट, पीएमसीएच

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न तो प्रदूषण और ना ही चेस्ट डिजीजेज को लेकर ही सरकार का कोई विजन है। क्योंकि इसके मामलों में बहुत अधिक तेजी आई है। इसके पेशेंट की संख्या कम हो, यह बताने के लिए हमलोगों के पास कुछ भी नहीं है।

- डॉ अशोक शंकर सिंह, पूर्व हेड चेस्ट डिपार्टमेंट, पीएमसीएच

स्थिति भयावह होती जा रही है। जिस प्रकार से खास और आम लोगों का प्रदूषण नियंत्रण के मामले में सुस्त रवैया है, वैसी स्थिति में पटना में वर्तमान प्रदूषण का स्तर हेल्थ इमरजेंसी की आहट है।

अंकिता ज्योति, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर, सीड्स

सरकार एक्टिव मोड में, आज से नहीं चलेंगी 15 साल पुरानी गाडि़यां

बैठक में लिए गए निर्णय

व्यावसायिक वाहनों पर बैन पूरी तरह, निजी वाहन पॉल्यूशन जांच के बाद ही चलेंगे

सभी तरह के निर्माण कार्य को ढंकना जरूरी, कंस्ट्रक्शन वर्क पर धूल न उड़े यह सुनिश्चित करना होगा

कूड़ा-कचरा जलाने और गांवों में पुआल जलाने पर पूरी तरह रोक

केवल साउंडलेस जेनरेटर चलाने को ही अनुमति होगी

पटना में पॉल्यूशन लेवल डेंजर जोन में पहुंच चुका है। 2-3 नवंबर को पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसको लेकर अब बिहार सरकार भी एक्टिव मोड में आ गई है। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। पटना की सड़कों पर अब 15 साल पुरानी गाडि़यां नहीं चलेंगी। सरकारी गाड़ी पर यह रोक पूरी तरह रहेगी फिर चाहे वह निगम की ही गाड़ी क्यों न हो। इसके अलावा 15 साल से पुराने व्यावसायिक वाहनों पर पटना में बैन रहेगा। यही नहीं 15 साल से पुरानी निजी गाडि़यों को फिर से पॉल्यूशन जांच कराना होगा।

बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि यह फैसला मंगलवार से लागू हो जाएगा। इतना ही नहीं मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मंगलवार से सघन प्रदूषण जांच शुरू किया जायेगा। यही नहीं सभी तरह के निर्माण को कवर करना जरूरी होगा। अभी प्राइवेट और सरकारी निर्माण को ढंकना जरूरी है। कंस्ट्रक्शन वाली जगहों पर धूलकण कम फैले इसकी व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके अलावा कूड़ा-कचरा नहीं जलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। बाहर सामग्री ढोये जा रहे वाहनों को भी ढंकना जरूरी है। नगर निगम के कचरे को बिना ढंके परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुख्य सचिव ने साफ कर दिया है कि किसान गांवों में किसी भी कीमत पर पुआल नहीं जला सकते हैं। इसकी इजाजत किसी को नहीं मिलेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि जेनरेटर सेट पर प्रतिबंध लगेगा। सिर्फ साउंडलेस जेनरेटर की चलाने की अनुमति दी जाएगी। केरोसिन तेल पर ऑटो चलाने वालों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसे ऑटों की प्रदूषण जांच होगी।

गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक है। लोग आंखों में जलन महसूस कर रहे हैं। दो नवंबर की रात तक एक्यूआई का स्तर 428 था, जबकि 3 नवंबर की रात 8 बजे तक औसतन एक्यूआई स्तर 414 मापा गया। 25 अक्टूबर को एक्यूआई स्तर 103 था, जबकि 10 दिन बाद तीन नवंबर को 414 है, जो आम स्तर से करीब 4 गुना ज्यादा है। बैठक में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार सहित अन्य बड़े अधिकारी शामिल हुए।