पटना(ब्यूरो)। भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत बिहार में मधुबनी के जयनगर से नेपाल के बर्दीबास तक रेलखंड का निर्माण हो रहा है। निर्माण के दूसरे चरण में इस रेलखंड पर कुर्था से बिजलपुरा तक ट्रेन चलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। कुर्था से बिजलपुरा तक पिपराढ़ी व सिगयाही स्टेशन व लोहापट्टी हाल्ट का निर्माण कराया गया है। एक जून को निर्माण कंपनी इरकान द्वारा यह रेलखंड नेपाल रेलवे को सौंप दिया जाएगा। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसकी औपचारिकता पूरी करेंगे।

जुलाई के प्रथम सप्ताह में होगा विस्तार

जयनगर से वाया जनकपुर-कुर्था बिजलपुरा तक ट्रेन परिचालन का विस्तार जुलाई के प्रथम सप्ताह में किया जाएगा। इससे पूर्व रेलखंड हस्तांतरण, समय-सारिणी और किराया आदि निर्धारित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इरकान के संयुक्त निदेशक विवेक निगम ने बताया कि एक जून को दोनों देशों के प्रधानमंत्री नई दिल्ली में रेलखंड सौंपे जाने की औपचारिकता पूरी करेंगे। नेपाल रेलवे के जीएम निरंजन झा ने बताया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में कुर्था से बिजलपुरा के बीच ट्रेन का परिचालन किया जाएगा। इससे पूर्व रेलखंड के बीच स्थित 11 फाटक पर गेटमैन की तैनाती समेत तीन स्टेशन और हाल्ट पर रेलकर्मियों की तैनाती की जाएगी।

वर्ष 2014 से चल रहा कार्य

जयनगर से बर्दीबास तक आठ सौ करोड़ की लागत से 65.5 किमी लंबे रेलखंड पर काम हो रहा है। इरकान द्वारा वर्ष 2014 में मेगा ब्लाक कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। प्रथम चरण का कार्य पूरा कर दो अप्रैल, 2022 को जयनगर से जनकपुर होते हुए कुर्था तक 34 किलोमीटर में परिचालन शुरू किया गया। दूसरे चरण में 17.5 किलोमीटर लंबे रेलखंड पर ट्रेन चलाने की तैयारी है। तीसरे चरण में बिजलपुरा से 14 किमी आगे बर्दीबास तक रेलखंड का निर्माण किया जाएगा।

बाढ़ में ध्वस्त हुआ था रेलखंड

ज्ञात हो कि वर्ष 1937 में जयनगर से नेपाल के बिजलपुरा तक ट्रेन की शुरुआत हुई थी। वर्ष 2001 में नेपाल में आई बाढ़ से जनकपुर और बिजलपुरा के बीच रेल पुल ध्वस्त हो गया था। इसके बाद जनकपुर तक ही ट्रेन चलती रही। भारत सरकार ने भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत वर्ष 2010 में इसे बड़ी लाइन में बदलने की योजना बनाई।

50 प्रतिशत तक होगा व्यापार

नेपाल के साथ ट्रेन सुविधा बहाल होने से जयनगर का बाजार गुलजार है। बिजलपुरा तक ट्रेन के विस्तार से जयनगर के व्यवसायी उत्साहित हैं। जयनगर चैंबर आफ कामर्स के महासचिव अनिल वैरोलिया कहते हैं कि यहां प्रतिदिन लगभग पांच करोड़ का व्यवसाय होता है। इसमें 35 से 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी नेपाल के ग्राहकों की है। ट्रेन के विस्तारीकरण से व्यापार में 10 प्रतिशत की वृद्धि की आशा है। जनकपुर उद्योग और वाणिज्य महासंघ के उपाध्यक्ष अंबू कुमार साह और होटल व्यवसायी अशोक जालान व विजय झुनझुनवाला का कहना है कि जयनगर-कुर्था रेलखंड पर ट्रेन परिचालन शुरू होने के बाद सभी प्रकार के व्यवसाय में 25 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।