पटना (ब्यूरो)। अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। पटना में सर्द हवा और कड़ाके की ठंड से बच्चे सर्दी- जुकाम, खांसी और वायरल बुखार से पीडि़त हो रहे हैं। जिसका साइड इफेक्ट बच्चों के गले और आंखों पड़ रहा है। इससे बचने के लिए ठंडे पेय पादर्थ और बाहर निकलने से परहेज करें। ये हम नहीं कह रहे हैैं बल्कि पीएमसीएच के डॉक्टरों कहना है। डॉक्टरों ने बतया कि ठंड के समय एडिनो वायरस एक्टिव हो जाता है जो सांस की नली के द्वारा आंख को भी प्रभावित करता है। पढि़ए रिपोर्ट

एडिनो वायरस हुआ एक्टिव
पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के एचओडी डॉॅ। भूपेन्द्र नारायण ने बताया कि ठंड के मौसम में बच्चों को कान, गला और टॉन्सिल में दर्द की समस्या हो रही है। डायरिया के मामले बढ़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में एडिनो वायरस एक्टिव हो जाता है और सांस की नली के माध्यम से आंख तक चला जाता है। इस वायरस से बचने के लिए बच्चे को बाहर जाने से रोकें और ठंडा पेय पदार्थ का सेवन न करें।
शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों को ठीक होने में चार-पांच दिन से लेकर सप्ताहभर का समय लग जा रहा है। उनका कहना है की बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें। घर का ताजा खाना खिलाएं।

सर्द हवा से नहीं हो सीधा संपर्क

शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को सर्दी-जुकाम, विंटर डायरिया से बचाने के लिए सर्द हवा के ज्यादा संपर्क में न रहने दें.उन्हें पर्याप्त गरम कपड़े पहनाने के साथ ही सिर और कान अवश्य ढकें।

ऐसे करें बचाव
-फ्रिज से निकाली हुई ठंडी चीजें तत्काल न खिलाएं
- सर्दी जुकाम होने पर ठंडे फल न खिलाएं
-एक-दो दिन से ज्यादा बुखार रहने पर जांच कराएं
-गुनगुना पानी पिलाएं
- विंटर डायरिया होने पर पानी की कमी नहीं होने दें
-सर्दी होने पर डॉक्टर के परामर्श अनुसार भाप दिलाएं


बच्चे विंटर डायरिया, वायरल बुखार से पीडि़त हो रहे हैं। एडिनो वायरस एक्टिव हो जाता है। सांस के नली के द्वारा कान तक पहुंच जाता है।
- डॉ। भूपेन्द्र नारायण, एचओडी, शिशु रोग विभाग, पीएमसीएच