पटना ब्यूरो।ईडी ने यह कार्रवाई बिहार पुलिस द्वारा ब्राडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और बिहार खनिज नियम, 2019 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज दो दर्जन से अधिक प्राथमिकियों के आधार पर की है।
249 करोड़ का नुकसान हुआ.
ईडी से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार संपत्ति जब्ती की दो अलग-अलग कार्रवाई की गई हैं। पूर्व से चल रही जांच में पाया गया था कि मेसर्स ब्राडसन बालू के अवैध खनन और इसकी बिक्री को एक ङ्क्षसडिकेट बनाकर नियंत्रित करता था। राधा चरण सेठ इस ङ्क्षसडिकेट के सदस्य थे और ब्राडसन के माध्यम से गैर वाजिब तरीके से काफी धन संग्रह कर रहे थे। सेठ के साथ इस धंधे में व अन्य दो आरोपी जग नारायण ङ्क्षसह और सतीश कुमार भी शामिल थे। इन्होंने जहां सरकार को राजस्व चूना लगाया, वहीं अवैध कमाई से देश के अलग-अलग हिस्सों में काफी संपदा अर्जित की। ब्राडसन पर आरोप है कि इस संस्थान ने खनन प्राधिकरण की ओर से जारी विभागीय प्री-पेड परिवहन ई-चालान का उपयोग किए बिना अवैध बालू खनन और इसकी बिक्री की। जिससे सरकार को 161.15 करोड़ से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ। दूसरी ओर अवैध बालू खनन और इसकी बिक्री से भी करीब 249.63 करोड़ का नुकसान हुआ.
सात करोड़ की एफडी
जांच में इस बात भी सामने आई कि ब्राडसन द्वारा अवैध तरीके से अर्जित आय से राधा सेठ और उनके पुत्र कन्हैया ने हिमाचल प्रदेश के मनाली में एक रिसोर्ट का अधिग्रहण किया और उसे विकसित भी किया। अपने परिवार के स्वामित्व वाले संचालित ट्रस्ट द्वारा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्कूल का भी निर्माण कराया। अवैध अर्जित आय को छुपाने के लिए राधाचरण ने अपने परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली फर्म का इस्तेमाल किया। तमाम पुख्ता सबूत मिलने और कोर्ट की अनुमति के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई करते हुए सेठ की 26.19 करोड़ जबकि जगनारायण ङ्क्षसह और सतीश कुमार की 12.96 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। जब्त संपत्ति में एक एफडी भी है जो करीब 7.82 करोड़ रुपये की है।
पिछले साल हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि ईडी ने पिछले वर्ष राधा चरण साह,उनके बेटे कन्हैया प्रसाद और ब्राडसन के निदेशकों में शामिल मिथिलेश ङ्क्षसह, बबन ङ्क्षसह और सुरेंद्र ङ्क्षजदल को गिरफ्तार किया था। वर्तमान में वे सभी जेल में हैं। ईडी ने अपने बयान में कहा कि नवंबर 2023 में आरोपियों के खिलाफ पटना की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया था। जग नारायण ङ्क्षसह और सतीश ङ्क्षसह भी बीते वर्ष नवंबर महीने से जेल में ही हैं.