- छात्र संगठन भी ट्रेड यूनियनों के समर्थन में बंद किया यूनिवर्सिटी

- सड़क पर उतरे छात्र, केन्द्र सरकार की शिक्षा नीति का किया विरोध

PATNA : शुक्रवार को केन्द्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर छात्र संगठनों के बैनर तले पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई लिखाई ठप रही। आइसा, एआइएसएस, एआइडीएसओ संगठनो ने अशोक राजपथ पर मोदी सरकार के खिलाफ नई शिक्षा नीति के विरोध, कैंपस में लोकतंत्र की बहाली, शिक्षा के निजीकरण, मेधा घोटाला, दलितों की स्कालरशिप की कटौती जैसी छात्र-विरोधी नीतियों का विरोध किया।

विरोध मार्च निकाला

आइसा, एआइएसएस, एआइडीएसओ संगठनो ने पीयू गेट से विरोध मार्च शुरू करते हुए जेपी गोलंबर तक पहुंचे। आगे रैली को जाने से पुलिस ने रोक लिया। फिर वहीं पर आम सभा के रूप में यह तब्दील हो गयी। एआइएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार की नई शिक्षा नीति -ख्0क्म् शिक्षा की मौलिक और सार्वजनिक व्यवस्था को ध्वस्त कर देगी। इसमें सामान्य लोगों के बच्चों को पढ़ने-लिखने का समान अवसर खत्म हो जाएगा। शिक्षा क्षेत्र में कारपोरेटाइजेशन और भगवाकरण से इसका स्तर गिरेगा.आइसा के राज्य अध्यक्ष मो। मोख्तार ने कहा कि मोदी सरकार शिक्षा के लोक-लुभावने वादे कर सत्ता में आयी है लेकिन उसके निर्णय छात्र विरोधी है।

ख्8 सितंबर को होगा प्रदर्शन

छात्र संगठनों ने सुबह में ही क्लासरूम की पढ़ाई बाधित करते हुए अपनी आगे की रणनीति के बारे में जानकारी दी। आइसा के राज्य सह सचिव आकाश कश्यप ने कहा कि नई शिक्षा नीति के खिलाफ आइसा भगत सिंह के जन्मदिन पर ख्8 सितंबर को दिल्ली में लाखों युवाओं के साथ सड़कों पर मार्च निकालेंगे। इसमें देश भर के छात्र प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और बिहार की भी बड़ी उपस्थिति रहेगी। इस अवसर पर आइसा के बाबू साहब, संतोष आर्य, अभिमन्यु, काजिम इरफानी, एआइएसएफ से उमाराज, संतोष, संदीप, एसएफआइ से दीपक वर्मा, प्रभात यादव, एआइडीएसओ से सरोज सुमन आदि उपस्थित थे।

पुतला दहन किया

छात्र संगठनों ने जेपी गोलंबर पर नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया। इस अवसर पर सैंकड़ों की संख्या में छात्र उपस्थित थे। छात्र संगठनों की ओर से बताया कि ट्रेड यूनियन की मांगों के समर्थन और शिक्षा की बदहाली दोनों का मुद्दा एक साथ उठाने के लिए इस मार्च का आयोजन किया गया। क्योंकि एक ओर श्रम नीतियों की अनदेखी और दूसरी ओर शिक्षा क्षेत्र में सरकार के मनमाने रवैये से आमलोगों पर बहुत नकारात्मक असर पड़ेगा।