पटना(ब्यूरो)। कुछ अव्यवस्था के कारण दिव्य दरबार स्थगित करने के लिए कहा था। गुरुकृपा से चालाकी काम आ गई । व्यवस्था भी अच्छी हो गई और दिव्य दरबार भी लगा दी। अब बिहार में दो दिनों का दिव्य दरबार आयोजित करेंगे। 29 सितंबर को गया जी आएंगे। उक्त बातें बागेश्वर बालाजी धाम के पीठाधीश पं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सोमवार को तरेत पाली वैष्णव पीठ प्रांगण में दिव्य दरबार में अर्जी की पर्ची बना आशीर्वाद कार्यक्रम में कही। दरबार में तरेत पाली वैष्णव पीठ के स्वामी सुदर्शनाचार्य से मुलाकात कर चाय ब्रेक लिया। फिर हनुमंत कथा वाचन किये।

बाबा ने प्रशासन की सराहना की
रविवार को हुई अव्यवस्था के मद्देनजर प्रशासन ने रातोंरात पंडाल में भीड़ प्रबंधन के लिए बैरिकेङ्क्षडग कराया। बाबा के मंच संचालक नितेंद्र चौबे सुबह से ही व्यवस्था का कमान संभाल लिये थे। मंच के आगे डी एरिया को खाली कराने के साथ पंडाल के आपदा प्रबंधन के लिए पुलिस की निगरानी थी। बाबा ने प्रशासन की सराहना की।

बाबा तो शाम में जाते थे, आज इतना सबेरे निकल गए!

भैया बाबा निकल गए क्या? बाबा तो शाम में निकलते थे कथा के लिए। आज इतना पहले कैसे निकल गए। आज का दिन ही खराब है। बिना दर्शन किए कहां जाएं। सोमवार को गांधी मैदान के निकट बाबा जिस होटल में ठहरे है वहां सुबह से रात तक श्रद्धलुओं की भीड़ में कुछ इसी तरह का संवाद हो रहा है। रविवार को अव्यवस्था के कारण सोमवार को दिव्य दरबार स्थगित करने की घोषणा कर दी गई थी। सोमवार की सुबह से बागेश्वर बालाजी धाम के पीठाधीश पं। धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन करने वालों को भीड़ से गांधी मैदान के पास यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गया था। बागेश्वर धाम के जयकारा लग रहे थे।

काफिले के पीछे श्रद्धालु
करीब 12.30 बजे घोषणा होती है कि बाबा तरेत पाली के लिए निकलने वाले हैं। पुलिस ट्रैफिक रूट खाली कराने में लग जाती है। पक्का 1.45 बजे होटल से बाबा की सवारी निकलती है। उनके निकलते ही लोगों ने जयश्रीराम के नारे लगाए। श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने गाड़ी से बाहर निकल कर सभी का अभिवादन करते हुए आगे निकल पड़े। गाडिय़ों के काफिले के पीछे श्रद्धालु भी होटल मौर्या तक दौड़ते हुए बाबा धीरेंद्र के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे।

बेटे की तलाश में अर्जी लगाने आई थी मां
सैकड़ों की भीड़ रोते-बिलखते हाथ में अपने बेटे का फोटो लेकर मां अर्जी लगाने आई थी। बाढ़ से आई सुमित्रा देवी फफक-फफक रो रही थी। बताया कि बेटा चार साल से लापता है। वह पटना में रह कर एलएलबी की पढ़ाई करता था। गुमशुदगी की थाने में रिपोर्ट लिखवाई पर कोई फायदा नहीं हुआ। बेटे को पाने के लिए मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे सभी जगह हाजिरी लगाकर हार गई। जानकारी मिलते ही रविवार की रात में पटना आ गई थी। तमाम प्रयासों के बावजूद बाबा के पास अर्जी नहीं लगा पाई। अर्चना अपने मां के साथ बाबा का दर्शन करने आईं थीं। अर्चना ने बताया कि 2005 से तबीयत काफी खराब रह रही है। डाक्टरों से दिखाने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिला। मुजफ्फरपुर से आए रोहित ने बताया कि बाबा के दर्शन करने के लिए पटना आए थे। दर्शन कर घर को लौट जाएंगे।