घटना को पांच दिन बीत चुके हैं

पटेल हॉस्टल के स्टूडेंट ने जहां लोकलाइट्स को पीटा। बदले में लोकलाइट्स ने हॉस्टल में रहने वाले लड़कों पर हमला किया। एक लड़के की मौत भी हुई। इस घटना को पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन हालात में कोई बदलाव नहीं। बदले की चिंगारी दोनों ओर अब भी जल रही है। शनिवार को लोकलाइट््स दुबारा सड़क पर उतरे। डाकबंगला चौराहे को घंटों ठप कर दिया । पटेल हॉस्टल को भिखना पहाड़ी एरिया से हटाने को लेकर आंदोलन की धमकी भी दे डाली।

महिलाएं सड़क पर उतरी

पटेल हॉस्टल में हुए हमले को लेकर वार्ड नंबर 48 की पार्षद मीना देवी के पति प्रदीप मेहता के समर्थन में महिलाएं सड़क पर उतर गई हैं। अपनी पांच मांगों को लेकर पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। महिलाओं का कहना था कि  हॉस्टल के लड़कों ने परेशान कर रखा है। आती जाती लड़कियों का चलना मुश्किल हो गया है।

दो एक्यूज्ड ने किया सरेंडर

राजेश की हत्या और पटेल हॉस्टल पर हमले मामले में दो लोगों ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सुबोध मेहता और जितेंद्र कुमार ने सुबह कोर्ट खुलने के बाद ही कोर्ट में समर्पण कर दिया। इस मामले में मनोज कुमार को पुलिस ने पहले ही अरेस्ट कर लिया है। हालांकि अब भी इस मामले में चार लोग पुलिस की पकड़ से दूर हैं। सिटी एसपी जयंत कांत ने बताया कि पुलिस की दबिश के कारण ही जितेंद्र और सुबोध ने सरेंडर कर दिया है। सुबोध वही शख्स है जिससे पहले झगड़ा हुआ और अगले दिन हॉस्टल पर गोलीबारी हुई।

ये है लोकलाइट्स की मांग

1. स्टूडेंट राजेश के मर्डर की इवेस्टिगेशन सीबीआई करे

2. निर्दोष पार्षद पति प्रदीप मेहता से केस वापस हो

3. पटेल हॉस्टल को वहां से हटाया जाए

4. अन्य निर्दोष लोगों के खिलाफ मुकदमा वापस लिया जाए