पटना (ब्यूरो)। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लगातार दूसरे साल पटना के महावीर मंदिर आए। मंदिर के पूर्वी द्वार पर पूर्व राष्ट्रपति, पत्नी सविता कोविन्द और पुत्री स्वाति कोविन्द के साथ जैसे ही पहुंचे। तो एक झलक पाने और सेल्फी लेने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। उधर
रामनाथ कोविंद का स्वागत मंदिर न्यास समिति के आचार्य किशोर कुणाल ने किया। फिर हनुमानजी के दोनों विग्रहों के दर्शन किए, सिर नवाया। महावीर मंदिर के पुजारी ब्रह्मदेव दास और अवधेश दास ने उन्हें शॉल भेंट किया। चंदन-टीका भी लगाया। पढि़ए रिपोर्ट

-कुणाल बने पुरोहित, कराया हनुमत् कवचम् का पाठ

पूर्व राष्ट्रपति के मंदिर पहुंचने के बाद आचार्य किशोर कुणाल ने पुरोहित बनकर कोविन्द परिवार को महावीर मन्दिर से प्रकाशित हनुमत् कवचम् का पाठ कराया। आनन्द रामायण से उद्धृत हनुमत् कवचम् का पाठ पूरा होते आरती का समय हो चला। रामनाथ कोविंद ने सपरिवार पूरे भक्तिभाव से ढोल-नगाड़े और घंटे की ध्वनियों के बीच मनोकामना पूरन हनुमानजी का ध्यान किया। फिर आरती ली और पत्नी-पुत्री समेत गर्भगृह की परिक्रमा की।
-माता जानकी उद्भव की प्रतीक प्रतिमा भेंट की

महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने पूर्व प्रथम महिला सविता कोविंद को माता जानकी उद्भव की प्रतीक प्रतिमा भेंट की। थोड़ी फुर्सत हुई तो रामनाथ कोविंद ने आचार्य किशोर कुणाल से महावीर मंदिर न्यास की ताजा गतिविधियों की जानकारी ली। किशोर कुणाल ने हनुमान भक्त रामनाथ कोविंद को बच्चों के इलाज के लिए बन रहे नये कैंसर अस्पताल, वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू हो रहे नये विशिष्ट अस्पताल और सीतामढ़ी के पुनौराधाम स्थित जानकी कुंड में बननेवाले जानकी जन्मस्थान मंदिर की जानकारी दी। महावीर मंदिर न्यास की ओर से ये कार्य किये जा रहे हैं। हनुमानजी के दोनों विग्रहों का इत्मीनान से दर्शन, पूजन और ध्यान से भावविभोर रामनाथ कोविन्द ने कहा कि राज्यपाल रहते महावीर मन्दिर में आता था। राष्ट्रपति बनने के बाद भी आया। फिर जब-जब मौका मिलेगा आता रहूंगा।

पिछले साल 22 अक्टूबर को आए थे मंदिर एक साल बाद आए, 45 मिनट रुके

राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविन्द पिछले साल 22 अक्तूबर को महावीर मंदिर आए थे। तब भी सुबह तख्त श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा में माथा टेकने के बाद आए, इस बार भी वैसा ही हुआ। राष्ट्रपति के रूप में पहली बार आए रामनाथ कोविंद तब महावीर मन्दिर में 20 मिनट रुके थे। इस बार 45 मिनट से अधिक समय तक रहे। इस बार मंदिर का निचला तल और बाहरी परिसर भक्तों से खाली रखा गया था। आते और ज्यादा समय उन्होंने मन्दिर के बाहर और मन्दिर के ऊपरी तल्लों पर मौजूद भक्तों और नागरिकों का अभिवादन किया। बिहार का राज्यपाल रहते हुए रामनाथ कोविन्द अक्सर महावीर मंदिर आया करते थे। आखिरी बार मंदिर में पूजन के कुछ ही दिन बाद एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में उनकी घोषणा हो गई। शायद यही वजह रही कि पिछले साल महावीर मन्दिर दर्शन-पूजन को आए रामनाथ कोविन्द ने यहां विराजमान हनुमानजी को मनोकामना पूरन बताया था।