पटना (ब्यूरो)। अगर आपकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन दूसरे प्रदेश का है और बिहार में रह रहे हैं तो गाड़ी का रजिस्ट्रेशन बिहार नंबर का ही होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन को लेकर राज्य सरकार की ओर से जिलों को गाइड लाइन जारी कर दी गई है। मगर सबसे ज्यादा परेशानी ऐसे लोगों को हो रही है जो दूसरे प्रदेश से सेकेंड हैंड वाहन खरीदकर बिहार की सड़कों पर चला रहे हैं। नियम के तहत नहीं चलने वाले दूसरे प्रदेश के नंबर वाले करीब 22 वाहन चालकों पर कार्रवाई के बाद वाहन चालक भी सकते में आ गए हैं.
वैकल्पिक व्यवस्था की मांग
नियम लागू होने के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर के ऐसे कई लोगों से बात किया तो अधिकांश ने कहा कि सरकार को एक वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी चाहिए। क्योंकि कई वाहन ऐसे हैं जिन्हें 15 हजार रुपए में खरीदा गया है। ऐसे में इस गाड़ी की कीमत से महंगा जुर्माने की राशि हो जाएगी। कई वाहनों के मालिक दूसरे प्रदेश में हैं और नाम ट्रांसफर होना संभव नहीं है.
50 हजार में खरीदी थी कार
शास्त्री नगर निवासी विनोद ने बताया कि पढ़ाई के दौरान अपने मामा से यूपी नंबर की मारूति कार 50 हजार में खरीदी थी। बिहार आने के बाद पिछले पांच वर्षों से यहां गाड़ी चला रहा। कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। गाड़ी मामा से खरीदी थी। घरेलू मामला था इसलिए नाम ट्रांसफर नहीं कराए। अब मामा दिल्ली में शिफ्ट हो गए हैं। ऐसे में रजिस्ट्रेशन करना आसान नहीं होगा।
10 हजार की बाइक, रजिस्ट्रेशन चार्ज 6 हजार
पोस्टल पार्क निवासी बिमल ने बताया कि पिछले साल 10 हजार रुपए में वेस्ट बंगाल नंबर की बाइक अपने मित्र से खरीदी थी। नया नियम लागू होने के बाद बिहार में फिर से रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन में तकरीबन 6 हजार रुपए खर्च होंगे। जो संभव नहीं है। इसलिए बाइक को कबाड़ में बेचने की सोच रहा हूं।
487 वाहन चालकों पर कार्रवाई
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने इस संबंध में सभी डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई का निर्देश दिया था। इसके बाद पटना सहित राज्य के विभिन्न जिलों में विभिन्न धाराओं के तहत कुल 487 वाहन चालकों पर की गई कार्रवाई की गई। अभियान के तहत झारखंड समेत अन्य राज्यों के 21 वाहनों पर कार्रवाई की गई। इसके साथ ही मोटरवाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत कुल 487 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई। इसमें सीटबेल्ट, हेलमेट, फिटनेस, इंश्योरेंस आदि की भी जांच की गई। जुर्माना के साथ विभिन्न धाराओं के तहत 54 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई.
टैक्स चोरी के उद्देश्य से कराते हैं रजिस्ट्रेशन
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि टैक्स चोरी के उद्देश्य एवं अन्य कारणों से वाहन मालिक लक्जरी और अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन झारखंड से कराते हैं और चोरी छुपे स्थायी तौर पर बिहार में परिचालन करते हैं। यह मोटरवाहन अधिनियम का उल्लंघन है। इससे बिहार को राजस्व क्षति भी हो रही है।
7 दिनों में मिलेगा रजिस्ट्रेशन नंबर
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि झारखंड और अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन करा स्थायी रुप से बिहार में चलाने वाले वाहनों को अब बिहार का नंबर लेना पड़ेगा। बिहार का नंबर लेने के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे आवेदन प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर बिहार का नंबर प्रदान करें.
क्या है प्रावधान
-मोटरवाहन अधिनियम की धारा- 49 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अपने निवास स्थान में परिवर्तित स्थान पर उपयोग करते हैं तो अधिकतम 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को परिवर्तित स्थल से संबंधित निबंधन प्राधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहन उपयोग की सूचना देना अनिवार्य है। इसके बाद ही परिवर्तित क्षेत्र में वाहन का परिचालन वैध होगा। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वाहन का परिचालन अवैध होगा।
कैसे प्राप्त करें स्थानीय निबंधन संख्या
वाहन स्वामी द्वारा स्थानीय डीटीओ कार्यालय में विहित प्रपत्र में आवेदन तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र के अनुरोध संबंधी साक्ष्य के अतिरिक्त अन्य कागजात जमा करना होगा.