PATNA: बिजनेसमैन और निवेशकों के लिए बिहार सरकार ने पांच साल तक टैक्स में पूर्ण छूट देकर राहत का पिटारा खोल दिया है। सूबे में निवेश करने पर अगले पांच साल तक सभी प्रकार के करों में सौ फीसदी छूट दी जाएगी। साथ ही जमीन खरीद में लगने वाले स्टांप डयूटी और लैंड कंवर्जन की राशि राज्य सरकार ही उठाएगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दे दी है। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि नई नीति में उद्योगों को दो भागों में बांटा गया है। प्राथमिकता और गैर प्राथमिकता क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रियायतें निर्धारित की गई है।

अधिकतम सीमा दस करोड़ रुपए

प्रधान सचिव ने बताया कि प्राथमिक क्षेत्र में उद्योग-धंधे लगाने वाले निवेशकों को भूमि शुल्क में सौ फीसदी छूट मिलेगी। यह छूट लैंड कंवर्जन में भी मिलेगी। उद्योग स्थापित करने के लिए निवेशक बैंक से जो लोन लेंगे उसके सूद की दस परसेंट राशि राज्य सरकार उठाएगी। जिसकी अधिकतम सीमा दस करोड़ रुपए होगी। जबकि गैर प्राथमिक क्षेत्र में छूट की यह सीमा पन्द्रह परसेंट होगी। परन्तु यह दस करोड़ से अधिक नहीं होगी। जबकि मध्यम दर्जे के उद्योग लगाने वालों को बारह परसेंट तक की छूट मिलेगी।

महिला और दिव्यांगों को अतिरिक्त छूट

इसी तरह नई नीति में महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग, एसिड अटैक के पीडि़त, सैनिकों की विधवा अथवा थर्ड जेंडर यदि किसी प्रकार का निवेश करना चाहेंगे तो दस परसेंट के अतिरिक्त डेढ़ फीसदी अतिरिक्त छूट के प्रावधान किए गए हैं। कैपिटल एक्पेंडिचर में भी छूट के प्रावधान किए गए हैं। प्रधान सचिव ने बताया कि निवेश करने वालों को कैपिटल एक्सपेंडिचर का तीस परसेंट तक या अधिकतम दस करोड़ रुपए तक की राशि राज्य सरकार सबसिडी के रूप में निवेशकों को देगी।

बिहार में निवेशकों को आकर्षित करने और पूर्व से स्थापित उद्योगों को नया जीवन देने में नई औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति बेहद कारगर होगी। उद्योग से जुड़े सभी क्षेत्रों को जोड़कर नई नीति बनाई गई है।

-एस सिद्धार्थ, प्रधान सचिव, उद्योग विभाग