-'बेटी बचाओ' को दादा साहब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवॉर्ड

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PATNA: राजधानी पटना के युवा निर्देशक विजय भारद्वाज को उनकी डॉक्यूमेंट्री बेटी बचाओ लिए दादा साहब फाल्के फाउंडेशन अवॉर्ड फॉर बेस्ट डाक्यूमेंट्री फिल्म दिया गया। उन्हें उनकी डॉक्यूमेंट्री बेटी बचाओ के लिए बेस्ट डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में सम्मान के लिए चुना गया। ये अवॉर्ड दादा साहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन की ओर से दिया गया है। उन्हें मुंबई में रविवार देर शाम हुए समारोह में सम्मानित किया गया। अवॉर्ड मिलने के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने विजय भारद्वाज के दिल को टटोला। पेश है विशेष रिपोर्ट।

दिया बेटी बचाने का संदेश

दादा साहब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवॉर्ड के बारे में बताते हुए विजय कहते हैं कि यह गवर्नमेंट रिकॉग्नाइज संस्था है जो लंबे समय से कलाकारों को प्रोत्साहित करती आई है। उन्हें यह अवार्ड बेटी बचाने को लेकर बनाई डॉक्यूमेंट्री के लिए दिया गया। डॉक्यूमेंट्री में सफलता के बाद दहेज प्रथा को लेकर स्वयंवर फिल्म बना रहे हैं। जिसमें दहेज से होने वाले नुकसान पर फोकस किया गया है। अगले साल जनवरी तक ये फिल्म रिलीज हो सकती है।

यूं शुरू हुई संघर्ष की कहानी

इस अवॉर्ड को पाने के लिए देशभर से सैकड़ों एंट्रीज आई थी। इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने वाले विजय का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। वे बताते हैं कि उन्होंने शुरुआती पढ़ाई राजधानी पटना के पाटलिपुत्रा सरकारी स्कूल से की। इंटर की पढ़ाई कॉलेज ऑफ कॉमर्स से की। क्99भ् में मां की मौत के बाद भ् साल तक जीवन संघर्षमय रहा। माताजी के देहांत के बाद पटना में कुछ गलत लोगों के संगत में पड़ने से दर-दर भटकने लगा। लेकिन शादी के बाद पत्नी ने हौसला बढ़ाते हुए डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाने की सलाह दी। पहली बार ख्008 में एंटी स्मोकिंग डॉक्यूमेंट्री बनाने के बाद लगा कि मंजिल नजदीक है। पहले पिताजी सरकारी नौकरी करने को कहते थे लेकिन अब जब मेरे काम को सम्मान मिल रहा तो उन्हें खुशी है।

इंडिया में एकता की झलक

विजय बताते हैं कि भारतीय भाषा और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नमस्ते इंडिया डॉक्यूमेंट्री फिल्म बन रही है। इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए बताया जाएगा कि हम हिन्दुस्तानी एक हैं। खास कर ऐसे बच्चे जिनके कोई अपने नहीं हैं उनके प्रतिभाओं को देश के सामने लाया जाएगा।