पटना(ब्यूरो)। ट्रैफिक पुलिस ने राजधानी के 46 निजी स्कूलों की सूची तैयार की है। ये बस, ऑटो और स्कूली बच्चों की गाड़ी सड़क पर खड़ी कराते हैं। इस प्रवृत्ति पर अंकुश के लिए ट्रैफिक पुलिस ने रणनीति बनाई है। अब स्कूल बसें सड़कों का अतिक्रमण कर खड़ी मिलीं तो जुर्माना वसूल किया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को ट्रैफिक एसपी पूरन कुमार झा ने दी है।

अब नहीं चलेगी कोई बहानेबाजी
ट्रैफिक एसपी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन के साथ इस मसले पर बैठक की गयी थी। इसमें अधिसंख्य स्कूल संचालकों ने कहा कि बच्चों को ले आने व ले जाने वाले वाहन संस्थान के नहीं हैं। बच्चे एजेंसियों द्वारा संचालित बसों से स्कूल आते-जाते हैं। बसों की पार्किंग की जिम्मेदारी एजेंसी मालिक की बनती है। ट्रैफिक एसपी ने बताया स्कूल प्रबंधक बसों का किराया अपने काउंटर पर जमा कराते हैं। स्कूल का नाम बसों या अन्य वाहनों पर लिखा जाता है। ऐसी स्थिति में पार्किंग की जिम्मेदारी दूसरों पर कैसे डाली जा सकती है? अगली बैठक में स्कूल प्रबंधन को वाहन एजेंसी मालिक को भी साथ लेकर आना होगा।

एसपी ने लगाई फटकार तो मिला वाहनों को रास्ता
सोमवार को ट्रैफिक एसपी को दीघा इलाके में जाम की सूचना मिली, जिसके बाद वे स्वयं दलबल के साथ वहां पहुंचे। एक निजी स्कूल से बड़ी बसें निकल रही थीं। उस स्कूल के कर्मचारी ने रास्ता रोक दिया था और जाम लग गया था। ट्रैफिक एसपी ने स्कूल कर्मी को फटकार लगायी। एसपी ने निर्देश दिया कि एक-दो बसों को रोड पर निकालने के बाद आम लोगों को रास्ता देंगे। स्कूल खुलने और छुट्टी के समय प्रबंधक की ओर से कर्मचारी अथवा वालंटियर रखे ताकि बारी-बारी स्कूलों से बसों को बाहर निकालें। ज्यादा देर के लिए रास्ता बंद न हो। सड़क पर अपने फायदे के लिए दूसरे वाहनों को रोकना कानूनन अपराध है।

ई-रिक्शा के रूट में परिवर्तन पर विचार
कारगिल चौक पर सुबह करीब साढ़े छह बजे भीषण जाम लग गया था, जिसे छुड़ाने में ट्रैफिक पुलिस और गांधी मैदान थाने की पुलिस के पसीने छूट गए। ई-रिक्शा और ऑटो यहां बेतरतीब ढंग से खड़े थे। बांकीपुर से निकलने वाली बसों को रास्ता नहीं मिला और जाम लग गया। इसका असर अशोक राजपथ और कारगिल चौक से पश्चिम जिलाधिकारी आवास जाने वाले रास्ते पर भी पड़ा। इसके बाद कार्यालय अवधि में ई-रिक्शा के रूट को परिवर्तित करने पर विचार किया जा रहा है। गोलघर की तरफ से कारगिल चौक जाने वाले ई-रिक्शा को चिल्ड्रन पार्क गोलंबर से मौर्या होटल के सामने से रामगुलाम होते हुए उद्योग भवन के सामने तक भेजा जाएगा। हालांकि, अभी इस पर मुहर नहीं लगा है। इसमें बदलाव की भी संभावना है।