पटना (ब्यूरो)। दरबार साहिब में मंगलवार की दोपहर गुरु महाराज का आसन बदलने की अफवाह पर दो पक्षों में धक्का-मुक्की हो गई। जत्थेदार ज्ञानी रंजीत ङ्क्षसह गौहर-ए-मस्कीन व अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी भाई बलदेव ङ्क्षसह के बीच कहासुनी भी हुई। दरबार साहिब में मौजूद जत्थेदार के वाई प्लस सुरक्षाकर्मियों ने दोनों पक्षों को शांत कराया। प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार इंद्रजीत ङ्क्षसह ने पुरातन मर्यादा बहाल रहने और आसन नहीं बदले जाने की घोषणा की, तब लोग संतुष्ट हुए। हंगामे की सूचना पर चौक थाना के दारोगा रमेश कुमार व पुलिस बल भी पहुंचे। इसके बाद जत्थेदार ज्ञानी रंजीत ङ्क्षसह गौहर-ए-मस्कीन सुरक्षा के बीच अपने कमरे में आए।

पुराने आसन को बदलने का किया विरोध

पंजाब के करतारपुर स्थित श्री गुरु तेग बहादुर हास्पिटल के प्रमुख डाक्टर गुरङ्क्षवदर ङ्क्षसह कालरा ने तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में सोमवार की शाम लगभग पांच करोड़ मूल्य का गुरु महाराज का आसन, चंवर, केज बाक्स, एसी समेत अन्य सामान दान दिए थे। इन्हें मंगलवार की दोपहर में दरबार साहिब में लगाया जाना था। डाक्टर सामरा तथा उनकी पूरी टीम दरबार साहिब में मौजूद थी। दरबार साहिब के अंदर सफाई का काम हो रहा था। इसी बीच लोगों को सूचना मिली कि गुरु महाराज के पुराने आसन को बदला जा रहा है। यह सूचना पाकर दर्जनों सिख संगत दरबार पहुंच गए और गुरु महाराज के पुराने आसन को बदलने का विरोध करने लगे थे। फिलहाल माहौल शांत है।

तख्त श्री हरिमंदिर में अखंड पाठ शुरू

खालसा पंथ स्थापना दिवस समारोह को लेकर मंगलवार को तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में अखंड पाठ रखा गया। इसका समापन 14 अप्रैल को मुख्य समारोह के दिन होगा। मंगलवार को भी गुरु का बाग स्थित गुरुद्वारा में तीन दिवसीय गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ जारी रहा। बुधवार को अखंड पाठ की समाप्ति के बाद गुरु का बाग स्थित गुरुद्वारा में विशेष दीवान सजेगा।

निकाला जाएगा नगर-कीर्तन

प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार इंद्रजीत ङ्क्षसह ने बताया कि भजन-कीर्तन-प्रवचन के बाद दोपहर लगभग तीन बजे नगर-कीर्तन निकाला जाएगा। अशोक राजपथ से होते हुए श्रद्धालु शाम लगभग 7:30 बजे तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब पहुंचेंगे। गुरुवार को खालसा पंथ का स्थापना दिवस समारोह तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में मनाया जाएगा। समारोह में देश-विदेश के संगत व अमृतसर के रागी जत्था शामिल होंगे। बैसाखी पर्व को लेकर तख्त श्री हरिमंदिर को रोशनी से सजाया गया है।