- स्टूडेंटस ने विरोध में किया कारगिल चौक पर प्रदर्शन, रात में तीन बजे हुई मौत

- बीएसएफ ने जो वीडियो दिया, उसमें पिटाई की फुटेज गायब

- मानवाधिकार आयोग ने भी किशनगंज एसपी से मांगी रिपोर्ट

PATNA: पुलिस की पिटाई से जख्मी श्याम नारायण उर्फ सीकू ने आखिरकार दम तोड़ दिया। देर रात तीन बजे उसकी मौत हुई। मौत की खबर फैलते ही स्टूडेंट्स का आक्रोश भड़क गया। कुछ नर्सिग होम में तो कुछ सड़कों पर उतर गए। यूनिवर्सिटी और हॉस्टल से लड़कों का झुंड कारगिल चौक पर पहुंच गया। कारगिल चौक पर ही लाश को रख दिया गया। दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी और मामले की उच्चस्तरीय जांच के साथ ही मुआवजे की मांग को लेकर यह विरोध आंदोलन का रूप लेने लगा। इसी बीच, सांसद पप्पू यादव और पूर्व विधायक अनिल कुमार भी वहां पहुंच गए। इन लोगों ने भी मृतक सीकू के घरवालों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। दूसरी ओर, सरकार ने भी इस पूरे मामले की जांच करवाने का आदेश दिया है। एक सीनियर आईएएस और आईपीएस मामले की जांच करेंगे।

वीडियो में पिटाई की फुटेज गायब

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद किशनगंज पुलिस ने तो सफाई दी ही कि अब बीएसएफ के अधिकारी भी इस मामले की सफाई में उतर गए। बीएसएफ की ओर से एक वीडियो फुटेज भी दिया गया है, जिसमें सीकू के अब्नॉर्मल बिहेवियर को दिखाया जा रहा है। वह पुलिस वालों से मारपीट कर रहा है और उसे हॉस्पीटल भेजा जा रहा है, पर इसकी पिटाई की वीडियो फुटेज कहीं नहीं दिखाई गई है। इस दौरान कैमरा कहां था? यह सवाल हर किसी के जेहन में उठ रहा है। यह पिटाई कहां की गई? उसे इतनी गंभीर चोट लगी है कि कोई इंकार नहीं कर सकता। उसकी किडनी और लीवर में गंभीर चोटें लगी थी।

किडनी और लीवर में थी चोट

गया के कोची थाना के मुंढेरा गांव निवासी सीकू क् जुलाई को बीएसएफ के जीडी बहाली में गया था, जहां उसकी बहस बीएसफ के जवानों से हो गई, जिसके बाद उसकी जमकर पिटाई की गई थी। घटना एक जुलाई की है। वह सैदपुर हॉस्टल में रह कर पढ़ाई करता था। वह किसी प्रकार बस से पटना पहुंचा था, जिसके बाद उसके हॉस्टल के फ्रेंड्स ने एक नर्सिग होम में एडमिट करवाकर उसके घरवालों को जानकारी दी थी। तबीयत और बिगड़ी तो उसे फ्रेजर रोड के निजी नर्सिग होम में एडमिट करवाया गया, जहां बुधवार की सुबह तीन बजे उसकी मौत हो गई। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी एसपी किशनगंज से रिपोर्ट मांगी है।