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PATNA CITY : चंद दिनों बाद पटना साहिब में सिखों के अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंहजी महाराज का फ्भ्0वां प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। इसे लेकर तैयारी जोरों पर है। यही कारण है कि प्रदेश ही नहीं देश के विभिन्न हिस्से से लोगों का यहां आना जारी है। इसका कारण है कि वे लोग यहां

संगतों की सेवा करना चाहते हैं। मगर उन सबों का आरोप है कि तख्तश्री कमेटी के लोग उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे हैं। मालूम हो कि पहले से ही विभिन्न मुददों को लेकर तख्तश्री कमेटी में दो फाड़ हो चुका है, जिसका खामियाजा बाहर से आने वाले संगतों को भी भुगतना पड़ रहा है।

बाद में आएं तब देखा जाएगा

पिछले दिनों महाराष्ट्र के औरंगाबाद से रविन्द्र सिंह मखीजा, परमजीत सिंह सबरवाल एवं गुजराती समाज के जितेंद्र चावड़ा पटना साहिब पहुंचे। वे सब गुरु पर्व पर आने वाली संगतों की सेवा करना चाहते हैं। इन्हीं सब बातों को लेकर उन सबों ने कमेटी के पदाधिकारियों एवं ऑफिस के मुलाजिम से बात की। उनकी मांग थी कि उन्हें सेवा बताई जाए और जगह उपल?ध कराई जाए। मगर उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया। कुछ समय बाद कहा गया कि आप दो-चार दिन बाद आएं, तब देखा जाएगा।

ऐसे में कौन आएगा सेवा लेने

दिल्ली के श्री ओबराय हैं। वे हमेशा तख्तश्री पटना साहिब की गेट के पास लंगर के जरिए सेवा करते थे। इस बार कमेटी ने उनका जगह बदल दिया है। उन्हें नया लंगर घर के सामने जगह दिया गया है। उनका कहना है कि जब लंगर ख्ब् घंटे चलता रहेगा, तो ऐसे में उनके सेवा लेने को कौन आ सकेगा।

मांगी जगह, मिली निराशा

दिल्ली के तिलकनगर के पप्पू सहगल ने बताया कि वे और उनके भाई इंद्रजीत सिंह तख्तश्री कमेटी से सेवा देने के लिए जगह मांगी थी। मगर वहां से निराशा हाथ लगी। अंतत: उन लोगों ने चौक स्थित भगवती लक्ष्मी मार्केट के बाहर में सेवा देने के लिए सुभाष झुनझुवाला एवं सौरभ झुनझुनवाला से सहमति ली। वे लोग संत पीला पापा गुरुद्वारा की ओर से संगतों की सेवा हर साल आकर गुरु पर्व पर किया करते हैं।

हमें पैसा नहीं, मौका चाहिए

इसके बाद वे लोग स्थानीय सिख इंद्रजीत सिंह बग्गा एवं इंदरपाल सिंह राजू से मिले। इंद्रजीत ने उन्हें झाऊगंज स्थित अपनी टेंट की दुकान सेवा के लिए देने की बात कही। इससे उन तीनों को राहत मिली। रविन्द्र एवं परमजीत ने कहाकि वे लोग नान्देड़ साहिब में फ्00वां प्रकाशोत्सव में भी संगतों की सेवा समेत अन्य स्थानों पर भी सेवा दे चुके हैं। और फिर इस बार तो ये खास मौका है। इसे कैसे हाथ से जाने दे सकते हैं, लेकिन तख्तश्री कमेटी से खास सहयोग नहीं मिलने से थोड़ी निराशा जरूर हो रही है। हम कमेटी से कहना चाहते हैं कि हमें पैसा नहीं मौका चाहिए, ताकि वे संगतों की सेवा कर सकें।

जो भी इस तरह की बातें कह रहा है। वह सब झूठ है। हमारे पास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं आया है। अगर कोई हमारे पास आता तो हम उनकी बात सुनकर निश्चित ही सेवा देने का मौका देते।

-सरजिंदर सिंह, महासचिव, तख्तश्री कमेटी