-महज चौकशिकारपुर आरओबी पर लगा है निशान-ए-खालसा

-कंगन घाट में नहीं बन सका पर्यटक सूचना केंद्र और पंजाब भवन

PATNA CITY : गुरुपर्व का आगाज हो चुका है। लिहाजा देश के अलग-अलग हिस्सों से रोज लाखों कदम गुरुद्वारे की तरफ रूख कर रहे हैं। प्रकाश पर्व को लेकर राज्य और केंद्र सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर कर रही है। मगर लोगों को इस बात का मलाल है कि प्रकाश पर्व के समापन के बाद कोई निशानी नहीं रह सकेगी, जिसे याद किया जाए कि यह फ्भ्0साल की निशानी है।

निशान-ए-खालसा है आकर्षण का केंद्र

पर्व को लेकर आधा दर्जन स्थानों पर टेंटसिटी बनाया गया है, जिसे प्रकाश पर्व के समापन के बाद हटा दिया जाएगा। पंजाब के बाबाजी के द्वारा चौकशिकारपुर आरओबी के पास सिख धर्म के प्रतीक स्टील का एक बड़ा से खड्ड लगाया गया है, जिसे निशान-ए-खालसा नाम दिया गया है। आज भी लोग पटना साहिब स्टेशन से गुजरते या पटना साहिब स्टेशन से उतर कर तख्तश्री पटना साहिब या गुरुद्वारा बाललीला जाने के दौरान इस निशान का दर्शन करके ही आगे बढ़ते हैं। यदि वे मुर्चा रोड से जाएंगे तो यह भी देखने को नहीं मिल सकेगा।

नहीं बने दो भवन

कंगन घाट पर टूरिज्म डिपार्टमेंट द्वारा पर्यटक सूचना केंद्र की बिल्डिंग का निर्माण होना था। मगर वह नहीं बन सका। पंजाब सरकार ने भी कंगन घाट में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के नाम पर भवन बनाने के लिए क्0 करोड़ रुपया बिहार सरकार को सौंपा है। एक तरह से कंगन घाट में प्रकाश पर्व के बाद पूर्व की स्थिति ही देखने को मिलेगी। मिट्टी, बालू और गंगा।