-आकाश से बरस रही जेठ जैसी आग, नहरों में पानी नदारद

क्कन्ञ्जहृन् / स्ढ्ढङ्खन्हृ : पूरा सिवान जिला भीषण सूखे की चपेट में आ गया है। भादो 10 दिन से ज्यादा बीत गया, आकाश से पानी की एक बूंद भी अधिकतर स्थानों पर नहीं गिरी है। लिहाजा संबंधित क्षेत्रों में धान की फसल सूखने लगी है।

गुठनी थाना क्षेत्र के लगभग पचास गांवो मे नहरों मे पानी नहीं आने से सैकड़ों एकड़ धान की फ सल सूखे की मार से बर्बाद हो रही है। 15 दिन से तेज धूप और हवा चलने से अधिकतर खेतों मे दरार पड़ गई है। धान की फसल मुरझा गई है। और तो और, अरहर, बजरी सहित खरीफ की सारी फसलें सूख रही हैं। गेहूं के समय का डीजल अनुदान अभी मिला ही नहीं कि एक बार फि र से किसानों की फ सलें सूखे की मार से जूझ रही है।

दर्जनों गांवों में नहरें जरूर हैं, लेकिन कई जगह तो नहर की शाखाओं को भरकर खेत बना दिया गया है। जो मुख्य नहरें हैं, उनमें तो वर्षो से पानी नहीं आ रहा है। गुठनी प्रक्षेत्र के एसडीओ माखनलाल गुप्ता ने बताया कि नहरों का निर्माण कार्य जारी रहने के कारण अभी पानी नहीं आ रहा है। रघुनाथपुर प्रखंड का भी यही हाल है।

जीबी नगर थाना क्षेत्र के 20 पंचायतों के 84 गांवों के किसानों की धान की फसल बारिश नही होने के कारण सूख रही है। खेतों में दरारें पड़ गईं हैं। किसान पंपिंग सेट चला कर धान की फ सल को बचाने में जुट गए हैं। दरौली के 16 पंचायतों में वर्षा नहीं होने से धान की फ सल मुरझानी शुरू हो गई है। फसल सूखती देख किसानों का कलेजा फ ट रहा है।

पचरुखी प्रखंड में बारिश न होने से अकाल की स्थिति बन गई है। किसानों को रबी का डीजल अनुदान भी समय से नहीं मिल सका। निजी पंपसेट के सहारे सिंचाई कर रहे हैं। नहर की स्थिति खराब है। जरूरत के समय नहर में पानी ही नहीं है। बसंतपुर प्रखंड में भी धान की फसल सूख रही है। मुखिया मुकेश कुमार सुमन ने बताया कि कुमकुमपुर पंचायत में सिंचाई का कोई साधन नहीं है। यही हाल अन्य पंचायतों का भी है।