पटना ब्‍यूरो। अगर आपसे यह कहे कि जब आप पान चबाते हैं या सिगरेट की एक कश लेते हैं तो आपके जीवन का एक मिनट घट जाता है। यह जानकर आश्चर्य होगा लेकिन ये हकीकत है। सिगरेट में तंबाकू होता है जो शरीर के अंदर तंत्र को प्रभावित करता है। तंबाकू हमारी धरती को भी नुकसान पहुंचा सकती है? आपको जानकर हैरानी होगी कि तंबाकू में लगभग 7000 जहरीले पदार्थ होते हैं जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। हृदय रोग का प्रमुख जोखिम कारक होने के अलावा, तम्बाकू कैंसर और फेफड़े और किडनी की बीमारियों का कारण बनता है। ये हम नहीं डॉक्टरों का कहना है। पान मसाला और सिगरेट की आदत युवाओं में मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। पटना के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के कैंसर रोग विभाग की ओपीडी में आने वाले हर पांचवा पेशेंट माउथ कैंसर से पीडि़त होते हैं। जिसमें 70 परसेंट पेशेंट 20 से 70 साल के बीच के हैं। आज विश्व तंबाकू दिवस पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में पढि़ए ये रिपोर्ट

प्रतिदिन आते हैं 300 पेशेंट
पटना के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, महावीर कैंसर अस्पताल व बुद्धा कैंसर सेंटर की ओपीडी में नए पुराने पेशेंट को मिलाकर प्रतिदिन 1200 पेशेंट इलाज के लिए आते हैं जिसमें 300 पेशेंट मुंह के कैंसर से पीडि़त होते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि पीडि़तों को कैंसर होने की प्रमुख वजह तंबाकू या तंबाकू युक्त नशीले पदार्थ का सेवन करना है। जो तंबाकू का सेवन करते हैं वे अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

एक सिगरेट से 11 मिनट का जीवन हो रहा कम
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार एक सिगरेट से 11 मिनट व पूरे पैकेट से तीन घंटे चालीस मिनट की जिंदगी कम हो जाती है। तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों के सेवन से देश भर में प्रति घंटे 137 लोगों की मौत हो रही है। वहीं, दुनिया में प्रति 6 सेकेंड एक व्यक्ति की मौत इस कारण हो रही है। जबकि, बिहार में तंबाकू जनित रोगों से 1.24 लाख की मौत हर साल हो रही है।

30 परसेंट पेशेंट आखिरी स्टेज के
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। विजय कुमार ने बताया कि पटना में सबसे अधिक मुंह के कैंसर के पेशेंट आते हैं। बिहार की राजधानी होने की वजह से पटना ही नहीं आसपास के जिलों से भी पेशेंट इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि 25 से 30 परसेंट पेशेंट मुंह के कैंसर के होते हैं। 70 परसेंट पेशेंट लिवर, आंत, गॉल ब्लाडर, प्रोस्टेट, स्तन व बच्चेदानी के कैंसर से पीडि़त होकर आते हैं। ओपीडी में आने वालें कुल पेशेंट में 30 परसेंट पेशेंट आखिरी स्टेज के होते हैं। पटना में तंबाकू से ज्यादा सिगरेट का चलन है, यूथ इसे फैशन व स्टेटस सिंबल के तौर पर यूज कर रहे हैं।

गर्भवती को कम लगती है भूख
नालंदा मेडिकल कॉलेज के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। विनिता सिंह ने बताया कि गुटखा, तंबाकू से गर्भवती महिलाओं की भूख कम हो जाती है। इससे बच्चे का वजन नहीं बढ़ता है। जो महिलाएं तंबाकू या गुटखा सेवन करती हैं उनके सेहत पर गलत असर पड़ता है। वजन नहीं बढऩे से बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं जिसका असर बच्चे के जन्म के बाद पड़ता है। डॉक्टरों की मानें तो तंबाकू, सिगरेट व गुटखा स्वास्थ्य के लिए हानीकारक है। लगातार सेवन करने से गर्भधारण में भी समस्या होती है।

केस वन
अजीत कुमार कहते हैं कि दो साल पहले छोटे भाई को मुंह के कैंसर का पता चला। पटना के एक निजी अस्पताल में इजाज कराया। अब वह ठीक है। मैं भी पहले तंबाकू का सेवन करता था पर भाई की उस पीड़ा को देखा तो मैने भी तंबाकू खाना बंद कर दिया।

केस 2
अनुज ने बताया कि मेरे साथ पढऩे वाले दोस्त की मौत मुंह के कैंसर की वजह से हो गई। जब इस बात का पता चला तब से मैं तंबाकू का सेवन नहीं करता हूं। पढ़ाई के दौरान तंबाकू की आदत दोस्त ने लगा दी थी। अब तंबाकू से होने वाले नुकसान को लोगों बताता हूं।


तंबाकू दिवस जोड़ लें

बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना थीम पर आधारित विश्व तंबाकू दिवस 2024 के पूर्व संध्या पर
हितैषी हैपीनेस होम के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ विवेक विशाल ने बताया कि धूम्रपान करने वालों में हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना धूम्रपान न करने वालों की तुलना में अधिक होती है। अनुमान बताते हैं कि धूम्रपान से जोखिम बढ़ जाता है.कोरोनरी हृदय रोग के लिए 2 से 4 गुना। स्ट्रोक के लिए 2 से 4 गुना।

-तंबाकू से होने वाले प्रमुख रोग
धूम्रपान से अधिकांश फेफड़ों का कैंसर होता है और यह शरीर के लगभग किसी भी हिस्से में कैंसर पैदा कर सकता है.डॉ विवेक विशाल ने बताया कि हितैषी हैप्पीनेस होम ,मानसिक और नश्मुति केंद्र में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है.इस अवसर पर लोगों को मुफ़्त काउंसलिंग दी जाएगी.बच्चे सभी क्षेत्रों में वयस्कों की तुलना में अधिक दरों पर ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे हैं और वैश्विक स्तर पर 13-15 वर्ष की आयु के अनुमानित 37 मिलियन युवा तंबाकू का उपयोग करते हैं.2022 के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में 13-15 वर्ष की आयु के कम से कम 37 मिलियन युवा किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। डब्ल्यूएचओ यूरोपीय क्षेत्र में, 13-15 वर्ष की आयु के 11.5 फीसदी लड़के और 10.1 फीसदी लड़कियां तम्बाकू उपयोगकर्ता हैं।

स्वस्थ्य रहने के लिए तंबाकू, सिगरेट व गुटखा से दूरी बनाना जरूरी है। इसका सेवन करने से मुंह का कैंसर हो सकता है। अस्पताल में पूरे प्रदेश से पेशेंट इलाज कराने के लिए आते हैं। मुंह का कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। जो तंबाकू की वजह से होती है।
- डॉ। विद्यापति चौधरी, प्रिंसिपल, पीएमसीएच

तंबाकू, सिगरेट या गुटखा के सेवन करने से जो असर मेल पर पड़ता है वही फीमेल पर भी पड़ता है। साथ ही अगर फीमेल गर्भवती है तो भूख लगना कम हो जाती है। जिससे बच्चे कुपोषित जन्म लेते हैं। गर्भधारण में भी समस्या होती है।
- डॉ। विनिता सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, एनएमसीएच