पटना ब्यूरो। प्रसिद्ध समाजसेवी मेधा पाटकर सोमवार को उषा किरण खान का अंतिम दर्शन करने उनके आवास पर पहुंची। मेधा पाटकर ने उनके आवास पर उषा जी की पुत्री अनुराधा और पुत्र से मिलकर उन्हें ढाढस दिलाया। मेधा पाटेकर ने कहा कि उषा दीदी मुझे स्वास्थ्य के लिए सतर्क करती रहती थीं, पर खुद चली गई। मेधा पाटेकर ने 14 माह पूर्व उषा किरण खान से मुलाकात के उस पल को याद करते हुए कहा कि उषा जी की स्वतंत्रता सेनानी माता शकुंतला चौधरी, स्वतंत्रता सेनानी पिता जगदीश चौधरी और ठक्कर बप्पा के बारे में बातें हुई थी। उन्होंने उषा किरण खान को समाज के लिए उत्प्रेरक और मशाल बताया। कहा कि, उषा जी एक ऐसी शख्सियत रही जिसने जात, धर्म के पार अपने जीवन में मानव धर्म को ही अपनाया और अपना लेखन, समर्थन, सहयोग मानव अधिकारों के पक्ष में ही अर्पण किया। आज की राष्ट्रीय और बिहार की परिस्थिति में उनके देहांत ने एक बड़ी खाई छोड़ दी है। मेरी सालभर पहले हुई थी उनसे मुलाकात, जिस दौरान न केवल उनका प्यार बल्कि उनका नर्मदा आंदोलन को हृदयपूर्वक समर्थन और गांधीवादी, सत्याग्रही कार्य की सराहना सामने आयी। इस दौरान प्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रफुल्ल सामन्त्रा और किसान नेता डॉ.सुनीलम भी रहे।