पटना (ब्यूरो)। विवाह व अन्य मांगलिक कार्यों पर 16 दिसंबर से विराम लग जाएगा। 16 दिसंबर से खरमास यानी पुरूषोत्तम मास आरंभ हो जाएगा। 16 दिसंबर को सूर्य देर रात 1.01 बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास का आरंभ होगा। फिर नए वर्ष में 15 जनवरी को पौष शुक्ल चतुर्थी की सुबह 8.42 बजे से सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। इसके साथ ही खरमास का भी समापन होगा। खरमास का समापन होते ही विवाह, उपनयन, मुंडन आदि मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। ऐसे में शुभ मुहूर्त व शुभ दिन होना जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी के शुभ योग के लिए गुरु, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है। रवि गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभ फलदायी होता है। ज्योतिष आचार्य पीके युग ने बताया कि शुभ लग्न और मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु और मीन लग्न में एक होना जरूरी है। वहीं नक्षत्रों में अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तर फाल्गुन, उत्तरा भद्र और उत्तरा आषाढ़ में एक रहना जरूरी है।

शुक्र के अस्त होने से मई-जून में नहीं होगी शादी :

ज्योतिष आचार्य राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि 16 जनवरी से मांगलिक कार्य आरंभ होगा। अगले वर्ष मार्च तक बनारसी पंचांग के अनुसार 38 शुभ लग्न है। वही मिथिला पंचांग के अनुसार मार्च तक 25 दिन वैवाहिक लग्न है। इसके बाद जुलाई से लग्न शुरू होगा। मई जून में शुक्र अस्त होने से शादी विवाह का आयोजन नहीं होगा।

नव वर्ष में वैवाहिक मुहूर्त :

बनारसी पंचांग :

जनवरी : 16, 17,18,20,21,22,27,29,30,31
फरवरी : 1,2,3,4,5,6,7,8,12,13,14,17,18,19,23,24,25,26,27
मार्च : 1,2,3,4,5,6,7,11, 12
मिथिला पंचांग :

जनवरी : 17,18,21,22,31
फरवरी : 1,4,5,7,15, 18, 19, 25, 26, 28
मार्च : 3, 4, 6, 7, 8, 10, 11
जुलाई : 10, 11, 12