पटना(ब्यूरो)। वाणिज्य महाविद्यालय के बीकाम सेकेंड सेमेस्ट के छात्रों ने सोमवार को परीक्षा से वंचित होने पर विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा किया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानबूझकर उनका प्रवेश पत्र जारी नहीं किया है। वहीं, प्राचार्य प्रो। एसबी लाल ने बताया कि 30 विद्यार्थी इंटरनल असेस्मेंट में उत्तीर्ण नहीं हुए हैं। इसमें बीकाम रेगुलर के 18 और वोकेशनल के 12 छात्र शामिल हैं। उनका प्रवेश पत्र जारी नहीं किया गया है, अन्य सभी विद्यार्थियों का प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है।

छात्रों ने परीक्षा केंद्र पर जड़ा ताला

विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार सोमवार को परीक्षा के लिए छात्र लॉ कॉलेज सेंटर पर पहुंचे तो कुछ छात्रों ने गेट में ताला जड़ दिया। पुलिस ने बल प्रयोग कर छात्रों को भगाकर ताला तोड़ा। इस कारण परीक्षा लगभग एक घंटा देर से शुरू हुई। लगभग 100 वैसे छात्र भी केंद्र से चले गए जिन्हें परीक्षा में शामिल होना था। 200 छात्र परीक्षा में शामिल हुए। जब परीक्षा से वंचित छात्रों को इसकी जानकारी मिली तो हंगामा शुरू कर दिया।

सीबीसीएस में प्रमोट होने का प्रावधान

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि सीबीसीएस में प्रमोट होने का प्रावधान है। जिनका प्रवेश पत्र जारी हुआ है। वह आगामी पेपर की परीक्षा में शामिल हों। वह अगली परीक्षा में शामिल होकर आगे की पढ़ाई पूरी करेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है। वहीं छात्रों ने सोमवार की परीक्षा रद कर नए सिरे से आयोजित कराने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से किया है।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज

इधर, स्टूडेंट के लॉ कॉलेज गेट पर विरोध प्रदर्शन किए जाने की मिली सूचना के आधार पर पुलिस पहुंची और विरोध कर रहे स्टूडेंस्ट पर पुलिसकर्मियों ने बल प्रयोग किया। छात्रों का आरोप है कि अपनी आवाज उठाने पर प्रशासन की ओर से लाठीचार्ज किया गया है। इनकी मांग है कि परीक्षा को री-शेड्यूल किया जाए। एडमिट कार्ड जारी करने के बाद परीक्षा लिया जाए।

छात्राओं का जुटना है वैलिड रीजन

इधर, बताया जा रहा है कि कई छात्रों का अटेंडेंस पूरा नहीं होने की वजह से उनका एडमिट कार्ड जारी नहीं किया गया। इसकी सूचना परीक्षा के एक दिन पहले ही दी गई थी। वहीं, छात्रों का कहना है कि हमें विश्वविद्यालय की ओर से नहीं बताया गया कि इंटरनल परीक्षा देना अनिवार्य है। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन हमारे लिए कोई विकल्प निकाले । और आज हमारे एडमिट कार्ड को भी जारी किया जाए । हमें परीक्षा में बैठने दिया जाए ताकि हमारा एक साल बर्बाद न हो।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में पीयू के कुलपति प्रो। गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि छात्रों का आरोप बेबुनियाद है। 150 ने सिर्फ 20-25 छात्रों को परीक्षा में बैठने से रोका गया है। वे जितना आज एग्रेसिव है उतना अपने करियर को लेकर क्लास के लिए एक्टिव रहते तो यह नौबत नहीं आती।