- 40 लाख की लागत से बना संप हाउस अब तक नहीं हुआ चालू

- ड्रेनेज तो बनाया, लेकिन अबतक शुरू ही नहीं हो सका

PATNA: मानसून स्टेट में दस्तक दे दी है। बारिश से पटनाइट्स को जहां गर्मी और उमस से रहत मिली वहीं उनके सामने एक नई परेशानी भी खड़ी हो गई है। दो दिनों के बारिस से ही पटना पानी-पानी हो गया। कई मुहल्लों की स्थिति खराब हो गई है। जलजमाव से कई मुहल्लेवासी परेशान हैं। उन्हें अनजाना भय अभी से ही सता रहा है। लोग यह बात करने लगे हैं कि दो दिनों में ही यह हालत है तो आने वाले दिनों में स्थिति क्या होगी? कुछ ऐसा ही हाल फुलवारी स्थित पुलिस कॉलोनी का भी है।

बनने के बाद भी बेकार है संप हाउस

मालूम हो कि पुलिस कालोनी में एक रिहायशी इलाका है। ये कालोनी चार ए, बी, सी और डी ग्रुप में बंटे हुए हैं। इस कालोनी में सात सौ से अधिक फ्लैट हैं। साथ ही पहाड़पुर गांव की तीन हजार के आसपास की आबादी को भी इसमें जोड़ सकते हैं। चार ब्लॉक में बंटी कालोनी और पहाड़पुर गांव की इतनी बड़ी आबादी को जलजमाव की समस्या न हो इसके लिए चालीस लाख की लागत से ब्लॉक ए में संप हाउस का निर्माण कराया गया। लगभग दो साल पहले इसका निमार्ण भी पूरा हो गया, लेकिन दुखद ये है कि निर्माण के इतने दिनों के बाद भी संप हाउस आजतक चालू नहीं हो सका। संप हाउस के चालू नहीं होने से हर मानसून में कालोनी की स्थिति दयनीय हो जाती है। अभी ही स्थिति ऐसी है कि लोग हाफ पैंट पहनकर और जूते चप्पल हाथ में लेकर घर से निकलने लगे हैं।

फ्लॉप हुई ड्रेनेज व्यवस्था

कालोनी में बेहतर जल निकासी की व्यवस्था हो इसके लिए कालोनी के चारो ब्लॉक में ड्रेनेज भी बनवाया गया है। इसे बनवाने में लगभग ढ़ाई करोड का खर्च आया था। लोगों ने बताया कि तीन साल पहले ड्रेनेज कम्प्लीट हो गया था, लेकिन आज तक इसे चालू नहीं किया जा सका। ड्रेनेज की प्रोपर व्यवस्था नहीं होने से सड़कों पर वाटर लॉगिंग की प्राब्लम शुरू हो जाती है। सूत्रों के अनुसार पहले कॉलोनी का पानी रेलवे लाइन होकर निकल जाता था, लेकिन अब सारा पानी कालोनी में ही रह जाता है। दो साल पहले कालोनी में वाटर सप्लाई के लिए पाईप बिछाई गई थी। पाईप बिछाने के बाद इसकी टेस्टिंग भी की गयी, लेकिन टेस्टिंग के बाद भी इसे चालू नहीं किया जा सका।

हर मानसून में कालोनी की स्थिति दयनीय हो जाती है। अभी तो कुछ भी नहंी है तीन चार दिन और बारिश हो गई तो घर से निकलना भी मुश्किल हो जाएगा।

- अनल झा, लोकल

हमलोगों ने कई बार इसकी शिकायत निगम से की है। वार्ड कमिश्नर से भी कई बार कहा गया है, लेकिन अबतक कोई सॉल्यूशन नहीं निकाला गया।

- विवेक कुमार, लोकल