पटना (ब्यूरो)। फेस्टिव सीजन में मिलावट का जंजाल बढ़ता जा रहा है। मिठाईयों, पनीर, खोया आदि आइटम में मिलावट की जा रही है। इन सभी पर अंकुश लगाने के लिए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट, पटना जिला की टीम ने मंडे को मसौढ़ी बाजार स्थित मिठाई दुकानों में छापेमारी अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान पांच-छह दुकानों से मिठाई शॉप से लगभग 60 किलोग्राम एल्युमिनियम तबक लगी मिठाई जब्त कर विनष्ट की गई। टीम में शामिल पटना जिला के फूड सेफ्टी ऑफिसर अजय कुमार ने बताया कि मसौढ़ी बाजार में औचक छापेमारी में कुल पांच सैंपल जमा किया गया और शॉप सील किया गया। इसके बाद भीड़ इतनी जुट गई कि पास की सभी दुकानें बंद होने लगी। खोया और छेना की मिठाईयों पर अल्मुनिनियम का तबक लगे रहने के कारण विनष्ट करने की कार्रवाई की गई। इनमें मिठाई, देशी घी, छेना मिठाई आदि शामिल है। सभी सैंपल को जमा कर जांच प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। फूड सेफ्टी को लेकर अभियान जारी रहेगा।

देहाती क्षेत्र में ज्यादा मिलावट
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के अनुसार, पटना जिला के शहरी क्षेत्रों की तुलना में देहाती क्षेत्र में मिठाईयों और अन्य फूड आइटम में मिलावट के अधिक मामले मिलते हैं। पटना के नौबतपुर, बाढ़, बख्तियारपुर, बिहटा आदि जगहों में अभियान जारी रहेगा। फूड सेफ्टी ऑफिसर अजय कुमार ने बताया कि कोई आवश्यक नहीं कि लोग तबक लगा मिठाई ही खरीदें, बिना तबक का मिठाई भी प्रयोग किया जा सकता है। तबक चांदी का लगा हो तो यह खाने योग्य होता है लेकिन एल्युमिनियम का तबक सेहत के लिए नुकसानदेह है।

अवेयरनेस है जरूरी
अजय कुमार ने कहा कि फूड सेफ्टी को लेकर जब कार्रवाई होती है तो लोगों के बीच भी जागरूकता फैलती है कि क्या खाना उचित है और क्या नहीं। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट छेना, पनीर, खोया आदि आइटम भी चेक कर रहा है। मंडे को छापेमारी के दौरान नदवां में विजय डेयरी में खराब पनीर को विनष्ट किया गया। विभाग की ओर से देहाती क्षेत्र में कार्रवाई के बाद शहरी क्षेत्रों में भी अभियान चलाया जाएगा।

ऐसे करें सही की पहचान
फूड आइटम सही है या नहीं, इसकी जानकारी होनी जरूरी है। उदाहरण के लिए, तबक सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। मिठाई पर लगा तबक सही है या नहीं, यह जानने के लिए नाइट्रिक एसीड में डाला जाए और वह घुल जाए तो वह सही है। या आसान तरीका है कि यदि अण्डा का पीला जर्दी में तबक डाले और वह काला हो जाए तो यह सही है। यदि तबक काला न हो तो गड़बड़ है। इसी प्रकार, सही पनीर की पहचान के लिए आयोडीन साल्यूशन (बेटाडीन) का प्रयोग किया जाता है। इसके बाद यदि पीला रंग बदल कर काला या बैंगनी हो जाए तो यह नकली पनीर है। कलर बदलना नहीं चाहिए। छेना और खोया की मिठाई में भी यह प्रयोग किया जा सकता है। इसमें भी बेटाडीन का रंग यदि बदल जाए तो इसमें स्टार्च की मात्रा हो सकती है। यह मिलावट को इंगित करता है।