पटना (ब्यूरो)। पटना में तमाम ऐसे लोग जो फ्लैट ले रहे है उनसे जुड़ी यह बड़ी खबर है। नक्शे वाले मामले में गड़बड़ी होने या विवाद होने पर रेरा एक्शन ले सकता है। ताजा मामला पटना के नगर परिषद, खगौल क्षेत्र स्थित आदमपुर में बने संचार नगर का है। इस मामले को लेकर स्थानीय मुखिया की ओर से बिना प्राधिकार के नक्शा पास करने के मामले में बिहार रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल ने जांच का आदेश दिया है। यह फैसला 23 नवंबर को दिये गए एक आदेश के आलोक में आया है । जांच में यह सवाल उठाया गया है कि नगर पालिका अधिनियम 2007 या बिहार पंचायती राज अधिनियम, 2006 के किसी भी प्रावधान के तहत मुखिया को नक्शा पास करने का आदेश नहीं है। इस मामले में ट्रिव्यूनल की ओर से नगर विकास एवं आवास विभाग से जांच करने को कहा गया है। इससे पहले बिल्डर पर जमीन मालिकों को उनका पूरा हिस्सा नहीं दिये जाने का मामला भी उठ चुका है। इस फ्लैट में वर्तमान में करीब 300 परिवार रह रहे हैं।

यह है पूरा मामला
यह पूरा मामला आरआर बिल्डिर्स एंड डेवलपर्स के प्रोजेक्ट संचार नगर का है। 20 जुलाई, 2016 को प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। यह प्रोजेक्ट रेरा में अप्रूव्ड भी है जिसे रेरा की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है। लेकिन यह ट्रिव्यूनल में यह मामला उठाया जा रहा है कि मुखिया से यह नक्शा पास कराया गया है जबकि यह नगर परिषद, खगौल में आता है। इसकी जांच करने को ट्रिव्यूनल ने नगर विकास विकास विभाग को कहा है। संचार नगर 11 टावर वाला अपार्टमेंट है। जिसमें कुल 1088 फ्लैट है। यह करीब 16 एकड़ में फैला है। वर्तमान में इसमें करीब 300 फ्लैट ओनर है जबकि इसके अलावा 150 लैंड ओनर को भी फ्लैट पोजेशन दिया गया है। यह प्रोजेक्ट का रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर है - क्चक्रश्वक्र्रक्क०००६०-२ / २७४ /क्र-४६४/२०१९ ।

डायरेक्टर का दावा, नक्शा कोई कारण नहीं
इस पूरे मामले पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में आरआर बिल्डर्स एंड डेवलपर आदर्श सिंह ने कहा कि रजिस्ट्री रोके जाने का कारण नक्शा नहीं है। हमारे पास अंतरिम आदेश है जिसमें यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि रजिस्ट्री इसलिए रोका गया है क्योंकि कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) और आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) ले ले। इसके बाद रजिस्ट्रेशन चालू करें। इसके बार हमने यह मुद्दा रेरा में उठाया कि जब कई लोग इन दोनों सर्टिफिकेट के बिना रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं तो यह सिर्फ हमारे उपर क्यों लागू किया जा रहा है। हमलोग सीसी ले चुके हैं और ओसी के लिए अप्लाई कर रहे हैं। एक केस शेयर डिवीजन वाले मामले को लेकर चल रहा था। जिसमें मामला उठाया गया था कि शेयर एलॉट सभी को नहीं किया गया है। जिसके जबाव में बताया गया कि शेयर सभी को एलॉट कराया गया है। इसका पेपर रेरा में जमा कर दिया गया है।

क्या कहता है क्रेडाई
बिहार क्रेडाई के अध्यक्ष सचिन चंद्रा ने बताया कि मेरी समझ से ये पूरा मामला ग्रामीण क्षेत्र में नक्शा पास कराने का है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। यदि ग्रामीण क्षेत्र में कोई प्रोजेक्ट है तो उसका नक्शा कैसे पास होगा। हमलोगों ने रेरा को पहले भी पत्र लिखा है और नगर विकास विभाग के पीएस से भी मिले हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में नक्शे को लेकर अभी भी कई समस्याएं यथावत है।

साल 2021 में आया था नोटिस
वर्ष 2021 सितंबर में रेरा की ओर से यह नोटिस दिया गया था कि जिस किसी का प्रोजेक्ट रेरा से अप्रूव्ड नहीं है वे रेरा में रजिस्ट्रेशन करा ले। इस बारे में आरआर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स की ओर से इसी नोटिस को देखते हुए रेरा में नक्शा को रेग्यूलराइज भी कराया गया। तब यह सवाल रेरा की ओर उठाया गया कि जब नक्शा ही गलत है तो इसे रेग्यूलराइज कैसे कराया जा सकता है। इसके बाद से मामला जटिल होता गया।