पटना (ब्यूरो)। सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग को लेकर शुक्रवार को शिक्षक अभ्यर्थी सड़क पर उतरे। अभ्यर्थियों ने डाकबंगला चौराहे को जाम किया। उन्होंने सरकार की अनदेखी का आरोप लगाया। हजारों की संख्या में अभ्यर्थी गांधी मैदान से डाकबंगला चौराहा होते हुए विधानसभा को घेरने की तैयारी में थे। वहीं, पुलिस बल ने डाकबंगला चौक को छावनी में तब्दील कर दिया था और छात्रों को आगे बढऩे से रोक लिया। काफी देर तक पुलिस के द्वारा रास्ता खाली किये जाने की बात जब अभ्यर्थियों ने नहीं माना तो डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने उन्हे खदेडऩा शुरू कर दिया। तब अभ्यर्थियों के बीच अफरा- तफरी मच गई। उसके बाद अभ्यर्थी वापस लौटे।

लाठी उठी तो भागे अभ्यर्थी

जब तक पुलिस ने समझाने-बुझाने का प्रयास किया, तब तक अभ्यर्थी एकजुट होकर डटे रहे, लेकिन जैसे ही पुलिस ने डंडा उठाकर सभी को भगाने के लिए दौड़ लगाई, अभ्यर्थी भी भाग खड़े हुए और कुछ गिरते-पड़ते भी रहे। कुछ अभ्यर्थियों को चोट भी लगी है।

घंटो जाम लगा रहा

करीब तीन घंटे तक जाम लगे रहने से आम लोगों को यहां से गुजरने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा। लोग गांधी मैदान जाने के लिए बुद्ध मार्ग, छज्जू बाग आदि इलाकों से होते हुए आगे बढ़े। इस दौरान अभ्यर्थी नारेबाजी करते रहे कि शिक्षा विभाग बार-बार धोखा कर रहा है। कहा जा रहा है कि बहाली का विज्ञापन निकाला जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने भी कैबिनेट में पास हो जाने की बात कही थी। जबकि ऐसा कोई मामला ही नहीं था। बिहार प्राथमिक युवा शिक्षा संघ के आह्वान पर सभी अभ्यर्थी अलग-अलग जिलोंं से यहां जुटे थे।

आश्वासन नहीं विज्ञापन चाहिए

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी राजीव कुमार और सुमन राम ने बताया कि विज्ञापन निकल जाता तो तो अभ्यर्थियों को एक उम्मीद बंधती कि बहाली की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, लेकिन अभी तक विज्ञापन भी नहीं निकला है। इसी मांग को लेकर बढ़ी संख्या में पोस्टर, बैनर पर भी इस बात को लिखा था कि हमें आवश्वासन नहीं चाहिए, विज्ञापन चाहिए।

आंखों में धूल झोंक रही सरकार

इस मामले को लेकर बीजेपी के एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि शिक्षक बहाली के मांग पर सरकार छात्रों की आंखों में धूल झोंक रही है। सपने बेचने से कुछ नहीं होगा, अभ्यर्थियों को बहाली के नाम पर प्रताडि़त किया जा रहा है।

जुलाई में आना था विज्ञापन

मौके पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि सीटीईटी और बीटेट पास होने के बाद शिक्षक रोजगार के लिए भटक रहे हैं। अभ्यर्थी अंशुमन कुमार ने कहा कि बीते वर्ष जुलाई में ही विज्ञापन आना था, लेकिन इस मामला को गुजरे करीब नौ महीना बीत चुका है, अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। सरकार कोई पहल नहीं कर रही है।

एक साल से चल रहा है प्रदर्शन

इस मामले को लेकर अभ्यर्थी करीब एक साल से आंदोलनरत है। शुरूआत में विभाग की ओर से इस मामले में बयान आता था, लेकिन अब न बयान आ रहा है और न ही कोई घोषणा है कि आखिर कब तक बहाली निकाली जाएगी।

सोशल मीडिया पर भी उठा मामला
शिक्षक बहाली का मामला सोशल मीडिया पर भी जोर -शोर से उठाया जाता रहा है। सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियोंं का कहना है कि इस मामले को लेकर जब नियमावली तैयार है तो बहाली में देरी क्यों की जा रही है। वहीं, महिला अभ्यर्थी भी इस मामले पर सरकार से जबाव तलब कर रही है। जानकारी हो कि बिहार में करीब सवा लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं और सरकार की ओर से कोई स्पष्ट रूख नहीं है। विभाग की ओर से भी इसमें कोई समय सीमा नहीं बताई गई है।