-शूटर से लुटेरे तक बन रहे हैं कम उम्र के लड़के

-अविनाश की हत्या करने वाले भी हैं कम एज के

PATNA: शहर में क्राइम का ग्राफ एक बार फिर से बढ़ गया है। पर, इसमें सोचने वाली बात ये है कि अब कम उम्र के लड़के भी क्राइम की दुनिया में बेहिचक एंट्री मारने लगे हैं। स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले लड़के किसी को दिन-दहाड़े शूट करने से भी बाज नहीं आ रहे। बीजेपी लीडर अविनाश कुमार उर्फ नागा की हत्या करने वाले लड़के भी कम उम्र के ही निकले। इसमें दो के बारे में तो पुलिस ने भी कह दिया कि इनकी क्राइम हिस्ट्री के बारे में अभी कुछ पता नहीं। मतलब ये क्राइम की दुनिया के नए खिलाड़ी हैं। अलाउद्दीन इकबाल और अंजुम इकबाल पहले गोली चलाने वालों में शामिल थे, जबकि राजा जिसका क्रिमिनल बैकग्राउण्ड पहले से ही है, उसने बाद में गोली चलाई। इसका मतलब तो साफ है कि इन नए लड़कों को पहले आदेश दिया गया था, यानी मानें तो इन लोगों को हत्या करने की ट्रेनिंग भी इसी दौरान दी जा रही थी। अविनाश की हत्या की जो फुटेज कैमरे में कैद हुई, उसमें साफ दिख रहा है कि गोली चलाने के बाद एक युवक गिर पड़ा।

जितेन्द्र को भी कम उम्र के लड़कों ने मारा था

अगमकुआं थाना क्षेत्र के भूतनाथ रोड में पीएमसीएच के टेक्नीशियन जितेन्द्र कुमार की हत्या भी कम उम्र के लड़कों द्वारा ही करने की बात सामने आ रही है। इसके अलावा बैंककर्मी अमृतेष को कोतवाली थाना एरिया में मारने वाले भी ख्0-ख्ख् के ही थे। हत्यारे अनिल उर्फ भूरा को गिरफ्तारी भी पुलिस ने अचानक से कर ली। दूसरे कांड में पकड़े जाने के बाद इन लोगों ने कबूल कर लिया कि सुपारी लेकर हत्या की थी। इसके लिए 90 हजार रुपए दिए गए थे।

लूट को दे रहे अंजाम

राजधानी में लूट की कई वारदातों को कुछ दिनों में अंजाम दिया गया है। बाइक से हवा में बात करने वाले ये लड़के चेन लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही कदमकुआं, दीघा और राजीव नगर एरिया में चेन लूट की घटनाएं हुई, इसमें सभी लड़के कम उम्र के ही थे। इसके अलावा चौक थाना एरिया के लंगूर गली में ख्म् जून ख्म् लाख रुपये की लूट हुई। इस मामले में भी बाइक पर सवार तीन लड़कों ने अंजाम दिया जो कम उम्र के ही थे। अगमकुआं थाना के एनएच फ्0 नंदलाल छपरा के पास भी क्क् अगस्त को एक लाख रुपए लूट लिए गए। इससे पहले भी आलमगंज थाना के अगमकुआं आरओवी के पास ख्9 जुलाई को एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी से भ्.फ्0 हजार रुपए लूट लिए गए। इस घटना को तीन बाइक पर छह लड़कों ने अंजाम दिया जो कम उम्र के ही थे।

नए लड़के क्राइम में उतर रहे हैं। यह पुलिस के रिकॉर्ड में भी आ रहा है। पुलिस अपना काम तो करती ही है और करेगी भी, पर यह एक सामाजिक समस्या बन रही है। सभी वर्गो को इसपर सोचना होगा। पैरेंट्स बच्चों को सही दिशा दे सकें, इसके लिए उन्हें अपना काम बखूबी निभाना होगा। एक बार जेल जाने के बाद सुधार की गुंजाइश कम होती है, ऐसे में इसे पहले ही रोकना जरूरी है।

विकास वैभव, एसएसपी