पटना (ब्यूरो)। मुंबई के कुर्ला नेहरू नगर में तरैया के खराटी - चैनपुर अनुसूचित बस्ती के छह व रजवाड़ा के एक कुल सात मजदूरों की ध्वस्त हुए मकान के मलवे में दबकर मौत हो गई थी। उसमें शुक्रवार की सुबह चार दिन बाद रामधार मांझी के दो पुत्र बिरजु मांझी (20) व राहुल मांझी (22) तथा लङ्क्षलद्र बासफोर के पुत्र गुड्डू बासफोर (23) व भोला बासफोर के पुत्र अजय बासफोर (30) का शव गांव लाया गया। मृत मजदूरों का शव विमान से मुंबई से पटना एयरपोर्ट पर सुबह में पहुंचा। वहां से शव को गांव भेजने के लिए जिला प्रशासन की टीम एंबुलेंस लेकर पटना एयरपोर्ट पहुंची थी। वहां से तरैया विधायक सह सत्तारूढ़ दल के उप मुख्य सचेतक जनक ङ्क्षसह ने एंबुलेंस से मजदूरों का शव लेकर गांव पहुंचे। साथ में आरओ गोपाल कुमार व तरैया थाना पुलिस मौजूद रही। मजदूरों का शव गांव आते ही उनके स्वजनों में कोहराम मच गया। एक साथ इस बस्ती में छह मौतें पर गांव में मातम पसरा हुआ था। वही रजवाड़ा गांव के मृत केवल राम के पुत्र महेश राम का शव गुरुवार की देर रात्रि में पहुंचा था। वहां पत्नी सावित्री व इनके छोटे छोटे चारच् बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था।
रामाधार मांझी के तीन पुत्रों की मौत पर उनके स्वजनों में मचा हाहाकार
रामाधार मांझी के तीन पुत्र में एक पुत्र पप्पू मांझी का शव गुरुवार को आया था.उसका दाह संस्कार हो चुका है। इसके दूसरे दिन शुक्रवार को दो पुत्र राहुल व बिरजू का शव आते ही उनके स्वजनों में कोहराम मच गया। अपने तीन जवान पुत्रों का शव अपने कंधों पर उठाते पिता फफक फफक कर रोने लगे।