पटना ब्यूरो। ओम नम: शिवाय, हर-हर महादेव, बोल बम की गूंज से सावन के तीसरे सोमवारी पर राजधानी पटना शिवमय हो गया। सावन शुक्ल प्रतिपदा में सोमवार को सावन का तीसरा व शुक्ल पक्ष का पहला सोमवार अश्लेषा नक्षत्र एवं जयद् योग के सुयोग में मनाया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की अर्धनारीश्वर स्वरूप में विधिवत पूजा-अर्चना की। हर गली, मोहल्ले, चौराहे एवं मंदिरों के आसपास बेलपत्र, धतूरा, भांग, गुलाब, कमल व फूल-माला की ब्रिकी हो रही थी। जातकों ने अपनी कामनाओं की पूर्ति हेतु विविध पदार्थों से शिवार्चन के बाद स्तुति पाठ कर आरती उतारी। मंदिरों में दिनभर जलार्पण के बाद संध्या काल में भव्य श्रृंगार पूजा हुआ।
जयद् योग के सुयोग में मनी तीसरी सोमवारी
आचार्य राकेश झा ने बताया कि श्रावण शुक्ल प्रतिपदा को सावन की तीसरी सोमवारी पर जयद् योग का सुयोग बना था। शिव भक्तों ने सोमवार को जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, पार्थिव पूजन, शिव चर्चा, स्तुति पाठ व मंत्र जाप कर साम्ब सदाशिव को प्रसन्न कर अपनी कामना पूर्ति का वर मांगा। वैवाहिक सुख में सुगमता तथा विवाह के योग्य बनने हेतु गंगाजल में हल्दी व गाय के दूध में केसर डालकर रुद्रार्चन किया। महादेव की पूजा से स्वास्थ्य लाभ, मनोरथ की पूर्ति, नकारात्मक ऊर्जा का ह्रास होता है। अखंड सुहाग की कामना से महिलाओं ने माता पार्वती को सिंदूर लगाकर वस्त्र एवं श्रृंगार की सामग्री अर्पण की।
हर जगह रूद्राभिषेक की स्वरलहरियां सुनाई दी
सावन के तीसरे सोमवार पर अनुमंडल के पांच दर्जन से अधिक शिव मंदिरों में भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्तों की कतार लगी रही। भोलेनाथ के जयकारे से शिवालय गूंज रहे थे। हर जगह रूद्राभिषेक की स्वरलहरियां सुनाई दी। भक्तों ने व्रत रखकर महादेव की उपासना की। घरों और मंदिरों में बेलपत्र, दूध, पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। मंदिरों में प्रसाद का वितरण किया गया। महादेव मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान हुआ। अधिकांश मंदिरों में हुए शृंगार का शाम में दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ जुटी रही। कंगन घाट पर गंगा सेवा दल समन्वय समिति की ओर से रूद्राभिषेक का अनुष्ठान संस्थापक अध्यक्ष डा। राजीव गंगौल व महासचिव पंडित राजेश शुक्ला टिल्लू की देखरेख में हुआ। सैकड़ों भक्तों ने गंगा की धारा में अभिषेक व दर्शन पूजन किया।