पटना (ब्यूरो)। संतों की संगत कभी निष्फल नहीं होती। एक पल के लिए संतों की च्च्छी संगत से मन के करोड़ों दोष मिट जाते हैं। कहते हैं जैसी संगति वैसा ही फल मिलता है। यह बातें बुधवार को तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में संत बाबा भाग ङ्क्षसह, त्रिलोचन ङ्क्षसह व करतार ङ्क्षसह की स्मृति में संत समागम को लेकर तख्त साहिब में सजे विशेष दीवान में कथा के दौरान गुरुद्वारा बेर साहिब सुलतानपुर के कथा वाचक ज्ञानी हरङ्क्षजदर ङ्क्षसह ने कही। विशेष दीवान में भजन-कीर्तन व कथा-प्रवचन का दौर चलता रहा।

श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का समापन
विशेष दीवान में कथा वाचक ज्ञानी सतनाम ङ्क्षसह और ज्ञानी दलजीत ङ्क्षसह ने कथा कही। इससे पहले 29 जनवरी से लडिय़ों में चल रहे श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का समापन हुआ। विशेष दीवान में बंगला साहिब गुरुद्वारा दिल्ली के रागी भाई कुलतार ङ्क्षसह, पटना साहिब के भाई जोङ्क्षगदर ङ्क्षसह, भाई कङ्क्षवद्र ङ्क्षसह, भाई नङ्क्षवदर ङ्क्षसह, भाई हरभजन ङ्क्षसह, भाई बिक्रम ङ्क्षसह, भाई जगत ङ्क्षसह, भाई अरङ्क्षवद ङ्क्षसह निगरुण ने वैराग्यमय कीर्तन किया। तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी बलदेव ङ्क्षसह ने अरदास, हुकुमनामा व शस्त्रों का दर्शन कराया।

शस्त्र दर्शन के बाद संत समागम समाप्त
कपूरथला पंजाब के संत बाबा अवतार ङ्क्षसह की देखरेख व बाबा जसपाल ङ्क्षसह के संचालन में गुरु नानक बेबे नानकी चैरीटेबल ट्रस्ट व तख्त श्री प्रबंधक समिति के सहयोग से संत समागम हुआ। विश्व शांति व भाईचारे के लिए अरदास, हुकुमनामा व शस्त्र दर्शन के बाद विशेष दीवान की समाप्ति हुई। उसके बाद संगतों ने पंगत में बैठकर लंगर छके। संत समागम में प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार जगजोत ङ्क्षसह व महासचिव सरदार इंद्रजीत ङ्क्षसह समेत अन्य संगत थे। उधर गुरुवाणी प्रचार सेवा केंद्र में बुधवार को प्रो लाल मोहर उपाध्याय की पुस्तक गुरुवाणी में संत की महिमा पर संगोष्ठी हुई। संगोष्ठी की अध्यक्षता बेबी कुमारी व संचालन छोटू तिवारी ने किया।