पटना (ब्यूरो)। चैती नवरात्र की रौनक शहर में दिखने लगी है। मां दुर्गा के पट खुलने से शहर भक्तिमय हो गया है। दुर्गा सप्तशती का पाठ से लेकर मैया के भजन चारों ओर गूंज रहे हैैं। इसके साथ ही शहर में स्थापित मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी है। विंध्यवासिनी देवी मंदिर, बांस घाट स्थित काली मंदिर व छोटी, बड़ी पटन देवी में दर्शन के लिए सुबह पांच बजे से ही भक्तों की कतार लगने लगी थी। वहीं दोपहर 10 बजे के पूजा पंडालों में मां के पट भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। पढि़ए रिपोर्ट

30 साल से हो रहा है चैती नवरात्र

शहर के मछुआ टोली के पास स्थित बंगाली अखाड़ा में पिछले 30 सालों से बंगाली पढ़ती से चैती नवरात्र का आयोजन हो रहा है। बासंती दुर्गा पूजा समिति के वाइस प्रेसिडेंट समीर राज ने बताया कि मूर्ति निर्माण कृष्ण नगर कोलकाता के कारीगर निमाय पाल और संजीव पाल पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं। सप्तमी की मध्य रात्रि को नीशा पूजा की महाअष्टमी पूजा का शुभारंभ होगा। गुरुवार को महानवमी पूजा होगी। दोपहर में महाभोग लगेगा। दसवीं तिथि को मां दुर्गा का बंगाली पढ़ती से विसर्जन किया जाएगा।

नवमी को विशेष भंडारा

चैती दुर्गा पूजा समिति गोलघर के अध्यक्ष उमेश कुमार रजत ने बताया कि पिछले 18 साल से चैती नवरात्र का आयोजन हो रहा है। इस बार रामनवमी के दिन विशेष भंडारा का आयोजन किया गया। शोभा यात्रा में शामिल लोग मां का प्रसाद ग्रहण कर शोभा यात्रा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि मूर्ति निर्माण पटना के लोकल कलाकारों के द्वारा किया है। इसके लिए पांच जगहों से मिट्टी मंगाया जाता है।

भतुआ से होगा बलि प्रदान

पूजा पंडालों में पट खुलने के बाद बांस घाट स्थित काली मंदिर में भी मां के दर्शन के लिए सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। मंदिर समिति के ट्रेजरर धीरज कुमार ने बताया कि मध्य रात्रि में निशा पूजा के बाद बलि प्रदान होगी। यहां बलि प्रदान भतुआ से करने की परंपरा है। नवमीं को विशेष भोग की व्यवस्था की गई है। निशा पूजा के बाद अष्टमी को भंडारा का आयेाजन किया गया है।


दर्शन के लिए एक किलोमीटर की लगी लाइन

गोल घर के पास स्थापित विंध्यवासिनी देवी की दर्शन के लिए मंगलवार सुबह पांच बजे से ही भक्तों का जमावड़ा लगने लगा। प्रथम पूजा के बाद मां के पट जैसे ही खुले लोग दर्शन के लिए उमड़ पड़े। आलम यह था कि गोल घर से पटना म्यूजियम की तरफ जाने वाले मार्ग को जिला प्रशासन ने आमजन के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है। इस मार्ग से केवल मां के भक्त को ही एंट्री मिल रही थी। दर्शन के लिए तकरीबन एक किलोमीटर की लंबी लाइन लगी थी। सिलसिला सुबह से देर रात तक चलता रहा। मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि यहां पटना ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से दर्शन के लए लोग आते हैं। सच्चे मन जो भी प्रार्थना करता है उसकी मुराद मां पूरा करती है।