पटना ब्यूरो। भाई-बहन के प्रेम का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन में इस वर्ष भद्रा का साया होने से दोपहर 1.32 बजे के बाद राखी बांधी जाएगी.सावन शुक्ल पूर्णिमा में 19 अगस्त सोमवार को श्रवण व धनिष्ठा नक्षत्र के युग्म संयोग एवं सौभाग्य व शोभन योग में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा ढ्ढ सावन मास के पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त सोमवार की देर रात 12.36 बजे तक रहेगा.19 को स्नान-दान एवं व्रत दोनों की पूर्णिमा है। इस दिन भद्रा होने से बनारसी पंचांग के अनुसार दोपहर 1.25 बजे के बाद तथा मिथिला पंचांग के मुताबिक दोपहर 1.32 बजे के बाद बहन अपने भाई के कलाई पर स्नेह की राखी बांधेगी। शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने का प्रचलन है। भद्रा रहित काल मंत राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है.शुभ योग में रक्षाबंधन का पर्व मनाने से ऐश्वर्य व सौभाग्य की वृद्धि होती है।
-शास्त्रीय राखी बांधने से होगा सर्वदा मंगल
आचार्य राकेश झा ने बताया कि शास्त्रीय मान्यता के अनुसार सावन पूर्णिमा को अक्षत, पीला सरसों, दूब व स्वर्ण खण्ड या पीला सिक्का को नए पीला रेशमी या सूती वस्त्र में बांधकर कलाई में बांधने तक वस्त्र या मौली को जोड़कर रखे। फिर ओ नमो नारायणाय व नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र से उस राखी की रोली, अक्षत, फूल, धूप, दीप एवं प्रसाद से पूजा कर मंत्रोच्चार करते हुए बांधने से सर्वदा मंगल होता है।
-भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित
पंडित झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इसके अलावे अन्य कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य भद्रा में करना वर्जित है। इससे अशुभ फल की प्राप्ति होती है। भद्रा के उग्र स्वभाव के कारण ब्रह्माजी ने इन्हें पंचाग के एक प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। पंचाग में इनका नाम विष्टी करण रखा गया है। दिन विशेष पर भद्रा करण लगने से शुभ कार्यों को करना निषेध माना गया है।
-राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
19 को पूर्णिमा तिथि देर रात 12.36 बजे तक
भद्रा काल सुबह से दोपहर 01.32 बजे तक
शुभ मुहूर्त दोपहर 01.33 बजे से शाम 06.27 बजे तक
राशि के अनुसार बांधे राखी
मेष- लाल, केसरिया या पीला रंग की राखी
वृष- नीले रंग या चांदी की राखी
मिथुन- हरे रंग की राखी
कर्क- सफेद धागे या मोती से निर्मित राखी
सिंह- गुलाबी, लाल या केसरिया रंग की राखी
कन्या- सफेद या हरे रंग की राखी
तुला- फिरोजी या जामुनी रंग की राखी
वृश्चिक- लाल रंग की राखी
धनु- पीले रंग की राखी
मकर- गहरे लाल रंग की राखी
कुंभ- रुद्राक्ष से निर्मित राखी
मीन- पीला या सफेद रंग की राखी
-रक्षा सूत्र बांधने का मंत्र
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन: त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल: