पटना (ब्यूरो)। बिहार में हॉयर एजुकेशन वाले संस्थानों में नैक मूल्यांकन एक बड़ा टास्क है और अभी भी बड़ी संख्या में नैक मूल्यांकन का काम मंथर गति से चलता रहा है। इस कन्सर्न को ध्यान में रखकर बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने कदम बढ़ाया है। इसके अंतर्गत प्रयास यह है कि यहां के सभी शिक्षण संस्थानों का नैक मूल्यांकन किया जाए। मंगलवार को इसे लेकर सचिवालय स्थित उच्च शिक्षा विभाग के मदन मोहन झा सभागार में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक से मूल्यांकित होना चाहिए। नैक करवाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। नैक से शिक्षण संस्थानों को काफी फायदा मिलता है। इसके लिए राज्य स्तर पर वर्कशॉप आयोजित की जा रही है। इस पर चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। बैठक में बिहार के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुख शामिल रहे।

नैक बेंगलुरु के साथ होगी बैठक
बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया गया कि नैक मूल्यांकन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए नैक बेंगलुरु की टीम के साथ भी एक बैठक बुलाए जाने की योजना बनाई जा रही है। राज्य सरकार द्वारा नैक से मूल्यांकन हेतु एक कार्य योजना भी बनाई गई है। सभी संस्थानों को मिलकर प्रयास करना चाहिए कि अधिक से अधिक संस्थान मूल्यांकित हो सके। ई लाइब्रेरी के लिए इनफ्लिबनेट के साथ समझौता ज्ञापन किया जा रहा है। बैठक में शिक्षा सचिव ने नैक करवाने हेतु चरणबद्ध तरीके से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। अल्पकालिक, मध्यकालिक, दीर्घकालिक योजना बनाकर कार्य करने को कहा। नैक के समन्वयक / नोडल अधिकारी को पूर्ण सक्रिय भूमिका निभाने की बात कही।

पीपीयू के वीसी ने साझा किए अनुभव
इस दौरान पीपीयू के वीसी प्रो। आरके सिंह ने भी अपने अनुभव को उपस्थित सदस्यों के साथ साझा किया। इसमें उन्होंने नैक मूल्यांकन के लिए टेक्नोलाजी के बेहतर प्रयोग और अलग-अलग समस्याओं के लिए संपूर्ण तैयारी पर जोर दिया। इसी दौरान शिक्षा सलाहकार प्रो एन के अग्रवाल ने पावर प्वाइंट के माध्यम से नैक से मूल्यांकन हेतु रोडमैप पर प्रजेंटेशन दिया। मूल्यांकन हेतु किए जाने वाले उपायों को बताया। उपस्थित सभी संस्थानों के प्रमुख ने भी अपने -अपने विचारो से उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया।