- मुंबई से लौटे सिटी एसपी विनय तिवारी ने कहा मुझे नहीं करने दिया गया जांच

- जांच में पटना पुलिस की टीम को करनी पड़ी काफी मशक्कत

PATNA

: मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले की जांच को बाधित करने की कोशिश की गई। जांच सही दिशा में जा रही थी। जांच के लिए और समय मिलता से सुशांत सिंह की मौत का राज बिहार पुलिस खोल देती। मुंबई से पटना लौटे पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी ने कहा कि अफसोस की बात है कि मुंबई में सहयोग के बदले बाधा पहुंचाने की कोशिश हुई।

केस के अहम कड़ी हैं 4 लोग

सिटी एसपी विनय तिवारी का कहना है कि इस केस में दीपेश, देवेश, सिद्धार्थ पठानी और एक अन्य केस के अहम कड़ी हैं। इनसे सही से पूछताछ की जाए तो सुशांत सिंह राजपूत मौत की सच्चाई सामने आ सकती है। उन्होंने कहा कि इन लोगों से पूछताछ पर ये लगातार बयान बदल रहे हैं।

सीबीआई को सौंपी रिपोर्ट

बिहार पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी। इस दौरान सीबीआई ने एसआईटी और पुलिस अधिकारियों से अन्य जानकारियां हासिल की। सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट से सीबीआई का काम आसान हो जाएगा। बिहार पुलिस की रिपोर्ट के आधार तथ्यों की जांच करने में सीबीआई को सहूलियत होगी। सुशांत सिंह मौत मामले को लेकर बिहार पुलिस लगातार सीबीआई के संपर्क में है। सुशांत सिंह राजपूत क मौत का खुलासा करने के लिए बिहार पुलिस सीबीआई को सहयोग कर रही है।

वेश बदल जुटे रहे जांच में

मुंबई में जांच के दौरान पटना पुलिस की स्पेशल टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मुंबई पुलिस से बचने के लिए टीम के सदस्यों को कई बार वेशभूषा और पहचान बदलनी पड़ी। टीम के सदस्यों का कहना है कि बीएमसी हर हाल में क्वारंटीन करना चाह रही थी। उससे बचने के लिए पहचान बदलकर हमलोग अपना काम कर रहे थे। आखिर तक हमलोग उनके हाथ नहीं लगे।

रिया पर थी नजर

टीम के एक सदस्य ने बताया कि

शुरू से ही रिया पर हमलोगों की नजर थी। रिया को लग रहा था कि जांच के लिए आई बिहार पुलिस की टीम उसे गिरफ्तार कर सकती है। इसलिए वह अपना फ्लैट छोड़ कर दूसरी जगह चली गई थी।

टीम के एक सदस्य ने बताया कि जब मुंबई पुलिस से एफआईआर और उनके द्वारा दर्ज बयान को मांगा गया तो बांद्रा पुलिस ने इसे देने से इनकार कर दिया। इसके बाद टीम के सदस्यों ने ज्योतिष के वेश में केस से जुड़े लोगों से मिलकर उनका बयान लिया। टीम के सदस्यों ने बताया कि मुंबई पुलिस हमलोगों का पीछा कर रही थी। मोबाइल लोकेशन को मुंबई पुलिस ट्रेस कर रही थी। लेकिन वे लोग इसमें सफल नहीं हो सके।

बीएमसी ने फेल कर दिया प्लान

स्पेशल टीम के एक सदस्य ने बताया कि सिटी एसपी विनय तिवारी के मुंबई आने से पहले सबकुछ अच्छा से चल रहा था। जब एसपी को बीएमसी ने क्वारंटीन कर दिया तब हमलोगों को ठिकाना बदलना पड़ा। इसके बाद पहचान छुपाकर काम में जुटे रहे। बीएमसी हमलोगों को भी क्वारंटीन करना चाहती थी। ताकि जांच प्रभावित हो। उन्होंने बताया कि टीम दीपेश, सिद्धार्थ सहित चार लोगों से पूछताछ करने वाली थी। उनका पता और मोबाइल नंबर भी मिल गया था। इस केस के चारों अहम गवाह हैं। वारदात के समय यही चारों लोग सुशांत के फ्लैट में मौजूद थे। तभी बीएमसी ने एसपी विनय तिवारी को क्वारंटीन कर प्लान को फेल कर दिया।

बांट लिए थे काम

- टीम का एक सदस्य बैंक में जांच कर रहा था।

- दूसरा सदस्य सुशांत के सभी करीबियों का पता करने जुटा था।

- तीसरा डॉक्यूमेंटेशन कर रहा था। - चौथा मुंबई पुलिस से संपर्क करने में जुटा था।