पटना (ब्यूरो)। देशभर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर खौफ का वातावरण है और सरकारें अलर्ट होने की बात कह रही हैं। लेकिन, यदि इसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का संक्रमण शुरू हो गया तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। यह हालात वैसे ही हो सकते हैं जो कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर हो गए थे। कोरोना जांच और इसके वैरिएंट पर लगातार नजर रखने वाली आरसीएमआईआर के अंतर्गत संचालित आरएमआरआई पटना ने इस बात की पुष्टि की है कि जिनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट की सुविधा बिहार में नहीं है। जिनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा आरएमआरआई पटना में भी नहीं है। हालांकि बिहार में आईजीआईएमएस पटना में इसके लिए सुविधा बनाई जा रही है, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से अभी तक यह शुरू नहीं हो पाया है।

22 में 11 की जांच, 4 निगेटिव
पटना में अभी तक 22 मामलों में 11 की जांच हो गई है। इसमें से चार की रिपोर्ट निगेटिव है। अन्य की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि देश भर में इस टेस्ट की जितनी अधिक सुविधा होगी, इस नए वैरिएंट के कुप्रभाव को रोकने में उतने ही कारगर कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन बिहार में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा नहीं होने की कमी कोरोना के नए वैरिएंट को रोकने के मामले में भारी पड़ सकती है।

6 महीने तक फुल स्ट्रैंथ
यह बात कई विश्लेषक बता चुके हैं कि कोरोना वैक्सीन से प्रोटेक्शन मिलता रहेगा लेकिन इस बारे में आईजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व एचओडी डॉक्टर एस के शाही ने बताया कि सेकेंड डोज लेने के कम से कम 6 महीने तक इसका फुल स्ट्रैंथ रहता है। वैक्सीन ले चुके लोगों के लिए कम से कम इतना जरूर है कि उनकी स्थिति गंभीर नहीं होगी।

अब बूस्टर डोज लगे
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से बात करते हुए आईजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व एचओडी डॉक्टर एसके शाही ने बताया कि वर्तमान में दुनिया के तमाम देशों में कोरोना की बूस्टर डोज लगाई जा रही है अब समय आ गया है कि देशभर में भी इसके प्रति जागरूकता बढ़े और लोग बूस्टर डोज लगाएं। पहले यह जांच करा लें कि एंटीबॉडी कितनी है। यह स्पष्ट है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हो रहा है और एक लंबी अवधि तक इससे बचाव के लिए उपाय करने होंगे।
आरएमआरआई ने जताया कंसर्न
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर आरएमआरआई के निदेशक डॉ कृष्णा पांडेय ने बताया कि अभी देशभर में इस वैरिएंट के कुछ मामले मिले हैं। लेकिन यह चिंताजनक है कि पटना में इसकी जांच की समुचित व्यवस्था नहीं है। आरएमआरआई के द्वारा आई सीएमआईआर के पास इस मशीन को इंस्टॉल कराने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। इसका अप्रूवल मिल जाने पर ही आरएमआरआई पटना में भी जिनोम सीक्वेंसिंग की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि आईजीआईएमएस में इसकी जांच की सुविधा है, मशीन भी आ चुकी है लेकिन अभी यहां की लेबोरेट्री को डेवलप किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी यहां जांच समुचित रूप से शुरू नहीं हुआ है।

सीक्वेंसिंग की जांच दिल्ली में
आरएमआरआई के निदेशक डॉ कृष्णा पांडेय ने यह भी बताया कि नए वैरिएंट के मामले मिलने पर जिनोम सीक्वेंसिंग की जांच कराई जा रही है। कोरोना के आरटीपीसीआर की जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर हफ्ते में चार से पांच केस दिल्ली भेजे जाते हैं। लेकिन कोई एक पॉजिटिव मामला होने पर इसे नहीं भेजा जाएगा कम से कम चार से पांच केस मिलने चाहिए। हालांकि डब्ल्यूएचओ की तरफ से सैंपल भेजने को कहा गया है।

नए कोरोना वैरिएंट को लेकर अलर्ट हैं। अभी कोरोना टेस्ट भी लगातार किया जा रहा है। लेकिन बाहर के देशों से आने वाले लोगों की जांच के लिए उनकी ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर विशेष जांच की जाएगी। अभी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच किया जा रहा है।
- डॉ विभा कुमारी, सिविल सर्जन पटना


कोरोना अभी खत्म होने वाला नहीं है। हालांकि नए वैरिएंट को लेकर अलर्ट होने की जरूरत है। कम से कम 10 से 15 दिनों में यह वैज्ञानिक तौर पर कहा जा सकता है कि नए कोरोना वैरिएंट का कितना व्यापक प्रभाव होगा।
- डॉ एसके शाही, एक्स हेड माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट आईजीआईएमएस