-स्वास्थ्य केंद्रों को भेजी गई किट कहीं ज्यादा तो कहीं कम पहुंची

MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर जिले में कोविड-19 की जांच के लिए मिले एंटीजेन किट में बड़ा खेल सामने आ रहा है। डीएम प्रणव कुमार के आदेश पर जांच टीम ने कुछ गड़बडि़यां पकड़ीं, लेकिन इसकी तह तक नहीं पहुंच सकी। जांच टीम की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सेंट्रल ड्रग स्टोर से जो किट उपल?ध कराई गई, उसकी संख्या में अंतर आ गया। स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भेजी गई किट या तो कम थी या अधिक, मगर इस ¨बदु पर जांच टीम ने न तो सवाल उठाए और न ही कोई मंतव्य दिया। इससे जांच टीम पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

मॉनिटरिंग टीम पर सवाल

जांच टीम की रिपोर्ट के मुताबिक साहेबगंज सीएचसी में भेजी गई एंटीजेन किट से तीन हजार से अधिक रिसीव हुई। इसी तरह मुशहरी में दो हजार, सकरा में 11 सौ और पारू में एक हजार अधिक किट प्राप्त हुई। वहीं गड़बड़ी के सबसे बड़े केंद्र सदर अस्पताल और नशा मुक्ति केंद्र में दो हजार किट कम प्राप्त हुई। इस केंद्र पर किट की संख्या और जांच में 11 हजार का बड़ा अंतर भी पाया गया था। दो ही केंद्रों को सही संख्या में किट प्राप्त हुई। यहां सवाल यह उठ रहा कि अधिक या कम किट प्राप्त होने पर चिकित्सा पदाधिकारी ने संज्ञान क्यों नहीं लिया? मानीट¨रग करने वाली एजेंसी क्या कर रही थी? कहीं सस्ती किट तो नहीं मिला दी गई।

तीन माह बाद भी फर्जीवाड़े की नहीं हो सकी जांच

जिले में एंटीजेन किट से जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा और हेरफेर की शिकायतों की जांच तीन माह बाद भी नहीं हो सकी है। यहां तीन प्रखंडों (रीगा, डुमरा व रुन्नीसैदपुर) में 30 हजार फर्जी जांच का आरोप पूर्व सांसद अर्जुन राय ने लगाया था। सुबूत के तौर पर कागजात पेश करते हुए अर्जुन राय ने कहा था कि एंटीजेन जांच के नाम पर मतदाता सूची से नाम उतारकर फर्जी सूची बना ली गई। मोबाइल नंबर की जगह शून्य लिख दिया गया। एक व्यक्ति ने दो जगह रीगा और डुमरा में जांच कराई, मगर उनका नाम तीन जगह मोबाइल नंबर के साथ दर्ज कर दिया गया। उक्त व्यक्ति के छोटे भाई ने जांच भी नहीं कराई, मगर उसका नाम डुमरा में दर्ज था। एक किट पर 900 रुपये भुगतान दिखाया गया है। इस प्रकार 30 हजार किट के नाम पर दो करोड़ अस्सी लाख रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है।

जांच चल रही है। डाटा इंट्री में चूक हो गई होगी। यह तकनीकी दोष भी हो सकता है। दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ। राकेश चंद्र सहाय वर्मा, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर