पटना (ब्यूरो)। स्वास्थ्य विभाग के बाद सरकार ने राजस्व एवं भूमि सुधार व अन्य विभागों में 6300 अमीन सहित कुल 7823 पदों पर बहाली का फैसला किया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पद सृजन की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा सरकार ने मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों की तरह पारा मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग, नर्सिंग तथा फार्मेसी छात्रों के लिए छात्रवृति स्वीकृत की है। पारा मेडिकल छात्रों को प्रत्येक महीने 15 सौ रुपये की छात्रवृति दी जाएगी। आज की बैठक में कुल 16 प्रस्ताव स्वीकृत हुए।

राजस्व, भूमि सुधार विभाग में 7595 पद सृजित
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य में विशेष भूमि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अभियान चल रहा है। निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार ने 363.26 करोड़ रुपये की लागत पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 7595 पद सृजन की स्वीकृति दी है। ये सभी पद संविदा के पद होंगे। स्वीकृत पदों में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के 259 पद, सर्वेक्षण कानूनगो के 518 पद, अमीन के 6300 पद और लिपिक के 517 पद हैं।

दो कारा व कला संस्कृति विभाग में 227 पद
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव ने बताया इन पदों के अलावा मंडल कारा अरवल में 102 और पालीगंज उपकारा में 98 यानी दो सौ पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप वैशाली के संचालन के लिए कला संस्कृति विभाग में 27 पद सृजित किए गए हैं। बिहार वक्फ न्यायाधिकरण में चालक का एक पद स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी है।

पारा मेडिकल छात्रों को मिलेगी छात्रवृति
राज्य के सरकारी पारा मेडिकल, पारा डेंटल, नर्सिंग तथा फार्मेसी के विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन राज्य में हो रहा है। मंत्रिमंडल ने पारा मेडिकल छात्रों के लिए छात्रवृति का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। पारा मेडिकल, डेंटल पाठ्यक्रम डिप्लोमा, बैचलर डिग्री, मास्टर डिग्री, नर्सिंग पाठ्यक्रम में बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग एवं एमएससी नर्सिंग तथा फार्मेसी पाठ्यक्रम में डी-फार्मा, बी-फार्मा, एम फार्मा एवं फार्म डी में व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों को महीने में 15 सौ रुपये की छात्रवृति दी जाएगी। राज्य में पारा मेडिकल, डेंटल के छात्रों की संख्या 2495, नर्सिंग के विद्यार्थियों की संख्या 300 तथा फार्मेसी छात्रों की संख्या 421 हैं। छात्रवृति देने में सरकार को प्रतिवर्ष 5.78 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय करना होगा।