पटना ब्‍यूरो । हाल के दिनो में क्राइम की गतिविधियां साइबर स्पेश पर काफी बढ़ी है। इससे निपटने के लिए कुशल रणनीतिक पहल की जरूरत है। कैसे इसके लिए ठोस तरीके से काम किया जा सकता है और साइबर स्पेश का क्या महत्व है। इन सभी पहलूओं पर डॉ। कुणाल अभिषेक, वैज्ञानिक ई, सी-डैक पटना ने विश्वसनीय साइबरस्पेस के लिए सुरक्षा इंजीनियरिंग पर राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (आरआईसीसी) राजगीर में लेक्चर दिया। शुक्रवार को इस इंटरनेशनल संगोष्ठी का दूसरा दिन था। इस अवसर पर चीफ गेस्ट भुवनेश कुमार, आईएएस, अतिरिक्त सचिव, भारत सरकार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय थे।

खतरे से निपटने पर जुटे एक्सपर्ट
संगोष्ठी में मौजूद कमोडोर (सेवानिवृत्त) एस। वोम्बैटकेरे, वरिष्ठ निदेशक, सिक्योरथिंग्स के वरिष्ठ निदेशक, कमोडोर (सेवानिवृत्त) ने साइबर सुरक्षा ,साइबर अपराध को रोकने और उसका मुकाबला कैसे करें, इन सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही साइबर लचीलेपन में खतरों को कम करने और उससे कैसे उबरे पर विषय पर लेक्चर दिया। इसमें मजबूत रक्षा तंत्र और जोखिम मूल्यांकन जैसे सक्रिय उपाय, साथ ही घटना प्रतिक्रिया योजना जैसी प्रतिक्रियाशील रणनीतियाँ शामिल थी। डॉ। अनुपम चट्टोपाध्याय, एसोसिएट प्रोफेसर, एनटीयू सिंगापुर और कमांडर (सेवानिवृत्त) सुरेंद्र शर्मा, माइक्रोसॉफ्ट, हैदराबाद ऑनलाइन शामिल हुए और क्रमश: क्रिप्टोग्राफि़क इंजीनियरिंग और जेनरेटिव और साइबर सुरक्षा पर व्याख्यान दिया। डॉ। पी.के। सक्सेना, पीएसए फेलो, भारत सरकार के पीएसए कार्यालय और पूर्व निदेशक, एसएजी, डीआरडीओ ने साइबर सुरक्षा में भरोसेमंद प्रणालियों के बारे में बताया।

ब्लॉकचेन से मिलेगा साल्यूशन
संगोष्ठी के दौरान देश भर से आए एक्सपर्ट ने अपने संबोधन में ब्लॉकचेन और डिजिटल फोरेंसिक पर भी व्याख्यान दिया। ताकि युवाओं के बीच इन सभी टेक्नोलाजी के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन पर आदित्य कुमार सिन्हा, वैज्ञानिक और निदेशक, सी-डैक पटना और कोलकाता ने सभी का आभार व्यक्त किया। सिन्हा ने कहा हमलोग साइबर सिक्योरिटी एंड फोरेंसिस के कार्यक्षेत्र में मिशन मोड में काम कर रहे हैं।