पटना (ब्यूरो)। शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने दीपावली और छठ पर्व में खाली घरों और फ्लैटों का ताला तोड़ करीब दो करोड़ की संपत्ति उड़ाने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। तीनों की निशानदेही पर चोरी की ज्वेलरी खरीदकर गलाने वाले पांच स्वर्ण कारोबारियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से चोरी गई 30 लाख रुपये का सोना, 1.20 लाख की चांदी, 1.41 लाख नगद और चोरी में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार को भी बरामद कर किया गया है। यह गिरोह पिछले छह महीनों में शास्त्रीनगर, दानापुर सहित पांच थाना क्षेत्रों में 21 घरों-फ्लैटों से करीब दो करोड़ की संपत्ति चुरा चुका है।

महाराष्ट्र का कारोबारी खपाता था गलाया गया सोना-चांदी

एसएसपी डॉ। मानवजीत ङ्क्षसह ढिल्लों ने बताया कि गिरोह के कुछ शातिरों को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सरगना पकड़ से दूर था। उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनाई गई। पहले सरगना सहित तीन शातिरों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी निशानदेही पर चोरी का सोना खरीदने वाले पांच स्वर्ण कारोबारी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार मो। शाकिर अंसारी उर्फ चांद गिरोह का सरगना है, जो दीघा क्षेत्र का निवासी है। वहीं, मो। आसिफ और मो। तालिब खान उर्फ बंटी सुल्तानगंज थाना क्षेत्र का निवासी है। चोरी की ज्वेलरी खरीदने वाले स्वर्ण कारोबारी की पहचान पीरबहोर के दुरूखी गली निवासी राजेश कुमार उर्फ बंटी, त्रिमुर्ति ज्वेलर्स दुकानदार चंदन कुमार निवासी सुल्तानगंज, पीरबहोर के दुरुखी गली निवासी सुशांत घोराई, सुल्तानगंज निवासी राजेश रौशन और मूल रूप से महाराष्ट्र के सांगली जिला निवासी शंकर किरदत्त के रूप में हुई है। शंकर किरदत्त सोना गलाने के बाद उसे खपाने के लिए महाराष्ट्र भेज देता था।

रेकी कर गार्ड के सामने से गुजर जाते थे शातिर

शास्त्रीनगर थाने की पुलिस नवंबर में गिरोह के पांच शातिर मो। शाहिद, एजाज अली, मो। राजा, फैयाज खान और लंगड़ा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सरगना चांद अपने दो साथियों के साथ कोलकाता फरार हो गया। शनिवार को पुलिस ने उसे अटल पथ शिवपुरी के पास से गिरफ्तार किया। गिरोह के सदस्य प्लंबर और एसपी मिस्त्री बनकर अपार्टमेंट और घरों की रेकी करते थे। गार्ड के पूछने पर बोलते थे कि उन्हें नल या एसी ठीक करने के लिए बुलाया गया है। रेकी के बाद गार्ड के सामने से ही निकल जाते थे।

कोलकाला और नेपाल में ठिकाना, चांद पर दस केस

सरगना चांद के खिलाफ चोरी के करीब दस मामले दर्ज हैं। पूर्व में भी यह जेल जा चुका है। चोरी के बाद गिरोह के सदस्य कोलकाता और नेपाल फरार हो जाते थे। यह गिरोह छह महीने में शास्त्रीनगर और दानापुर में 16, राजीव नगर में तीन, दीघा और पाटलिपुत्र में पांच घरों और फ्लैट का ताला तोड़ चुका है। यह उन घरों को निशाने पर लेते थे, सोना के आभूषण मिलने की ज्यादा संभावना होती है।

हंगामे के बीच थानेदार का पकड़ लिया कालर

चोरी की ज्वेलरी खरीदने और गलाने के आरोप में गिरफ्तार स्वण कारोबारियों के स्वजन शास्त्रीनगर थाना परिसर आ धमके। आरोप है कि गिफ्तार स्वर्ण कारोबारी बेगुनाह हैं। उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है। उनका शातिर गिरोह से कोई संबंध नहीं है, जो सोना बरामद हुआ उसके कागजात भी होने का दावा किया। इधर, हंगामा देख पुलिस उन्हें समझाने पहुंची, तभी भीड़ में शामिल किसी युवक ने थानेदार का कालर पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए सभी को थाने से बाहर किया। हंगामा करने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।