- छपरा के जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय ने पीजी पाठ्यक्रम से इसे हटा दिया था

- मुख्यमंत्री ने इस पर क्षोभ व्यक्त करते हुए शिक्षा विभाग को इसके निराकरण का निर्देश दिया था

- शिक्षा मंत्री ने कहा कि अन्य सभी विश्वविद्यालयों में हाल के दिनों में पाठ्यक्रम मे हुए बदलाव की सूचना ले रहे

PATNA: छपरा स्थित जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीति शास्त्र के पाठ्यक्रम से जेपी और लोहिया के राजनीतिक विचार एवं दर्शन की पढ़ाई नहीं हटेगी। हाल ही में विश्वविद्यालय ने इस विषय को पाठ्यक्रम से हटा दिया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संज्ञान में जब यह विषय आया तो उन्होंने क्षोभ प्रकट करते हुए शिक्षा विभाग को इसके निराकरण के लिए कहा था। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को कहा कि निराकरण की दिशा में उन्होंने राज्यपाल सह कुलाधिपति फागु चौहान से बात की है। उन्होंने भी इस पर सहमति जताई है कि जेपी और लोहिया के राजनीतिक विचार और दर्शन पाठ्यक्रम से नहीं हटने चाहिए।

सामान्य परंपरा का पालन नहीं

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम में यह बदलाव सरकार और विभाग की नजर में अनुचित है। इसमें सामान्य परंपरा का भी पालन नहीं किया गया है। स्थापित मान्यता है कि बिहार के विश्वविद्यालयों से संबंधित कोई नियम, परिनियम, जिसमें पाठ्यक्रम भी शामिल है, को बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की सहमति के बाद ही लागू किया जा सकता है। इसका पालन नहीं किया गया। शिक्षा निदेशक द्वारा कुलपति और कुलसचिव को स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। विश्वविद्यालय के इन दोनों पदाधिकारियों को सचिवालय बुलाकर पूरी पृष्ठभूमि स्पष्ट करने को कहा गया है।

सूचना जुटाने का निर्देश

शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने यह निर्देश दिया है कि राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी हाल के दिनों में पाठ्यक्रम में जो परिवर्तन हुए हैं, उसकी सूचना जुटाई जाए। अगर इस तरह की कोई अनुचित या अनियमित बात सामने आती है तो उसमें आवश्यक सुधार की व्यवस्था की जाएगी। बिहार की जनभावना एवं सरकार की प्राथमिकताओं के विरुद्ध विश्वविद्यालयों के विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम में हुए बदलाव को इजाजत नहीं दी जा सकती है।