क्या है नियम
आर्ट एंड टीजर्स 1972 एक्ट के तहत धरती की अंदर से निकली हुई कोई मूर्ति को थाने में नहीं रख सकते हैं। बावजूद राज्य के थानों में हजारों वर्ष पुरानी मूर्ति पड़ी हुई है.

दरभंगा जिला के जाले थाना अंतर्गत धनकौल गांव में वर्ष 2011 में खेत जुताई के क्रम में  भगवान विष्णु की मूर्ति मिली थी। हलदार मूर्ति को घर ले जाने लगा तभी उसके और खेत मालिक के बीच विवाद हो गया। सूचना पाकर जाले थाना के पदाधिकारी पहुंचे और मूर्ति को ले गए। एक शोधार्थी ने बताया कि मूर्ति देखने के लिए जब धनकौल थाना पहुंचे तो वहां का नजारा कुछ और था। थाना द्वारा उस मूर्ति को संग्रहालय में न रखकर थाने में स्थापित कर दिया गया। नतीजा, वहां आने वाले कैदी फूल, चंदन और अक्षत लगाकर मूर्ति को नष्ट कर रहे हैं. 

मधुबनी जिला के बाबुबरी थाना अंतर्गत कुल्हरिया परसा गांव में रोड निर्माण के क्रम में उमा महेश्वर की मूर्ति मिली थी। कुछ दिनों  बाद तस्कर उसे चुरा कर नेपाल ले जा रहे थे। अंढऱाथाढ़ी थाने के रात्रि प्रहरी ने तस्कर को धर दबोचा। वर्तमान में मूर्ति को झंझारपुर कोर्ट में रखा गया। मूर्ति पर राज्य के संग्रहालय का कोई हस्तक्षेप न होने के कारण कोर्ट द्वारा बाबू बरही थाना के माल गोदाम भेज दिया गया। विशेषज्ञ इस मूर्ति को एक हजार वर्ष पुरानी बता रहे हैं.

वैशाली जिले के मनिकपुर गांव से वर्ष 2010 में 19 पंचमार्क सिक्के मिले थे। सिक्कों को जिले के सरैया थाना के अधिकारियों ने जब्त किया। जो आज तक उन्हीं के पास है.

अगर ऐसी कोई भी बात है तो मैं उसे जरूर देखूंगा और जो भी नियम होगा उसका पालन किया जाएगा. 
- दीपक वर्णवाल, एसपी मधुबनी 

पुलिस मैनुअल के अनुसार धरती से निकली किसी भी मूर्ति या अन्य धरोहर को थाने में नहीं रख सकते हैं। नियमानुसार मूर्ति को नजदीकी म्यूजियम में रखना चाहिए
-डॉ। उमेश चन्द्र द्विवेदी,  पूर्व निदेशक संग्रहालय बिहार

 

क्या है नियम

आर्ट एंड टीजर्स 1972 एक्ट के तहत धरती की अंदर से निकली हुई कोई मूर्ति को थाने में नहीं रख सकते हैं। बावजूद राज्य के थानों में हजारों वर्ष पुरानी मूर्ति पड़ी हुई है।

 

दरभंगा जिला के जाले थाना अंतर्गत धनकौल गांव में वर्ष 2011 में खेत जुताई के क्रम में  भगवान विष्णु की मूर्ति मिली थी। हलदार मूर्ति को घर ले जाने लगा तभी उसके और खेत मालिक के बीच विवाद हो गया। सूचना पाकर जाले थाना के पदाधिकारी पहुंचे और मूर्ति को ले गए। एक शोधार्थी ने बताया कि मूर्ति देखने के लिए जब धनकौल थाना पहुंचे तो वहां का नजारा कुछ और था। थाना द्वारा उस मूर्ति को संग्रहालय में न रखकर थाने में स्थापित कर दिया गया। नतीजा, वहां आने वाले कैदी फूल, चंदन और अक्षत लगाकर मूर्ति को नष्ट कर रहे हैं. 

 

मधुबनी जिला के बाबुबरी थाना अंतर्गत कुल्हरिया परसा गांव में रोड निर्माण के क्रम में उमा महेश्वर की मूर्ति मिली थी। कुछ दिनों  बाद तस्कर उसे चुरा कर नेपाल ले जा रहे थे। अंढऱाथाढ़ी थाने के रात्रि प्रहरी ने तस्कर को धर दबोचा। वर्तमान में मूर्ति को झंझारपुर कोर्ट में रखा गया। मूर्ति पर राज्य के संग्रहालय का कोई हस्तक्षेप न होने के कारण कोर्ट द्वारा बाबू बरही थाना के माल गोदाम भेज दिया गया। विशेषज्ञ इस मूर्ति को एक हजार वर्ष पुरानी बता रहे हैं।

 

वैशाली जिले के मनिकपुर गांव से वर्ष 2010 में 19 पंचमार्क सिक्के मिले थे। सिक्कों को जिले के सरैया थाना के अधिकारियों ने जब्त किया। जो आज तक उन्हीं के पास है।

 

अगर ऐसी कोई भी बात है तो मैं उसे जरूर देखूंगा और जो भी नियम होगा उसका पालन किया जाएगा. 

- दीपक वर्णवाल, एसपी मधुबनी 

 

पुलिस मैनुअल के अनुसार धरती से निकली किसी भी मूर्ति या अन्य धरोहर को थाने में नहीं रख सकते हैं। नियमानुसार मूर्ति को नजदीकी म्यूजियम में रखना चाहिए

-डॉ। उमेश चन्द्र द्विवेदी,  पूर्व निदेशक संग्रहालय बिहार