पटना ब्‍यूरो। नालंदा की 22 वर्षीय अंजलि(बदला हुआ नाम) सीढ़ी से गिर गई। गिरने से कोई फै्रक्चर तो नहीं हुआ, लेकिन उससे गंभीर समस्या हो गई। उनके दाहिने घुटने का लिगामेंट (एसीएल) टूट गया। नतीजतन उसके पैर में दर्द रहने लगा और चलने पर लचक होती थी। इससे वो सही से चल नहीं पाती थी। कुछ डॉक्टरों से दिखाई लेकिन संतोषजनक इलाज की संभावना नहीं देखते हुए वो हनुमान नगर में ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोट्र्स इंज्युरी विशेषज्ञ डॉ। अश्विनी कुमार पंकज से दिखाई। यहां उन्होंने दूरबीन से ही अंजलि का लिंगामेंट रिकंस्ट्रक्ट कर दिया। अंजलि को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब उसकी दोनों समस्या दूर हो गई है। हालांकि अभी उसका फिजियोथेरेपी चल रहा है।
इसी तरह कूचबिहार (पश्चिम बंगाल) की एक धाविका जशोदा(28 वर्ष) के भी दाहिने घुटने का लिगामेंट(पीसीएल) टूट गया था। उसे भी काफी दर्द रह रहा था और लचक की वजह से दौड़ना क्या चलना भी मुश्किल हो गया था। ये भी कई जगह दिखाई। लेकिन खर्च काफी ज्यादा बताया गया। ऐसे में जशोदा डॉ। अश्विनी कुमार पंकज को दिखाई। यहां डेढ़ घंटा ऑपरेशन में उसका लिंगामेंट दूरबीन से बनाया गया। मरीज का काफी कम कीमत में इलाज हो गया। फॉलोअप में मरीज में काफी सुधार है। चलने में कठिनाई दूर हो गई है। दर्द भी खत्म हो गया है। हालांकि अभी फिजियोथेरेपी चल रहा है। दोनों ऑपरेशन हनुमान नगर स्थित गोविंद हॉस्पिटल में किया गया। दोनों मरीज डिप्रेशन से बाहर आ गई।
इस संबंध में स्पोट्र्स इंज्युरी विशेषज्ञ डॉ। अश्विनी कुमार पंकज बताते हैं कि तकनीक काफी एडवांस हो गया है। दूरबीन से सर्जरी करने में बड़े चीरे की आवश्यकता नहीं होती है। मरीज जल्दी रिकवर हो जाता है। खर्च भी काफी कम आता है।