पटना (ब्यूरो) । शहर में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक को दुरूस्त करने के लिए करीब पांच साल पहले एडवांस ट्रैफिक लाइट सिस्टम शुरू किया गया था। दावा किया गया था इस सिस्टम से शहर का ट्रैफिक सिस्टम और भी स्मार्ट होगा, लेकिन शहर में स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम की कहानी फिर चार साल पहले वाली स्थिति पर आकर रुक गई है। यानी इन ट्रैफिक लाइट से लोगों को राइड करने के दौरान सिग्नल नहीं मिल पाता है। और तो और कई जगह लाल बत्ती बेवजह अधिक देर तक जलती रहने से वाहन चालकों को परेशानी भी झेलनी पड़ती है।

रिसर्च के बाद हुई थी व्यवस्था
दरअसल पटना में लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल काफी हाईटेक, एडवांस क्वालिटी व फीचर वाले हैं। इनको पूरी तरह से रिसर्च करने के बाद लगाया गया था। लाइट को लगाने के लिए कई नई जगहों को भी सिस्टम में शामिल किया गया था। पूरे शहर में 67 जगहों पर एडेप्टिव या इंटेलिजेंस सिग्नल जबकि 25 जगहों पर नॉन एडेप्टिव सिग्नल को लगाया गया था। यानी पूरे शहर में 92 जगहों पर इन ट्रैफिक लाइट को लगाया गया था।
ये थी खासियत
एडेप्टिव सिग्नल की खासियत यह है कि इसमें लगा सेंसिबल कैमरा सिग्नल ट्रैफिक के प्रेशर को देख कर काम करता है। यानि यह सिग्नल हैवी ट्रैफिक के वक्त कैमरे के तालमेल से काम करता है। यह सिस्टम पूरी तरह से फाइबर ऑप्टिक्स से बना है। इसे नगर विकास व आवास विभाग की तरफ से बुडको द्वारा लगाया गया था।

ज्यादातर सिग्नल खराब
शहर के इक्का-दुक्का जगहों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर चौक चौराहे के सिग्नल ने काम करना बंद कर दिया है। इनमें कई अहम जगह के सिग्नल शामिल हैं। अति व्यस्त डाकबंगला चौराहे पर यह सिग्नल काम कर रहा है लेकिन व्यस्त इलाके में शुमार बोरिंग रोड के सहदेव महतो मार्ग की तरफ जाने वाली सड़क, पॉलिटेक्निक मोड़, कुर्जी, बेली रोड पर आरपीएस मोड़, सगुना मोड, नाला रोड, अशोक राजपथ के अलावा शहर के कई ऐसे जगहों पर यह सिग्नल कार्य नहीं कर रहे हैं।
टाइमर भी फेल
कई ऐसे सिग्नल भी हैं, जिनमें ग्रीन, येलो व रेड लाइट काम तो करती है लेकिन टाइमर नहीं काम करता है। ऐसे में सिग्नल ग्रीन होने पर वाहन चालकों में हड़बड़ी हो जाती है।

बढ़ जाता है लोड
ट्रैफिक सिग्नल जब खराब होता है तो ऐसे में ट्रैफिक पुलिस को सब कुछ मैनुअली करना पड़ता है और जवानों पर दबाव बढ़ता है। जबकि सिग्नल सही रहता है तो ट्रैफिक स्मूथ रहता है। लोगों को बेहतर सुविधा मिले। इसकी कोशिश पहले भी होती रही है और आगे भी होती रहेगी।
- अमरकेश डी., ट्रैफिक एसपी, पटना

प्रॉपर इंर्फोसेमेंट बहुत जरूरी

किसी भी ट्रैफिक सिग्नल को इसलिए लगाया जाता है ताकि ट्रैफिक में देरी, एक्सीडेंट व रश न हो। राजधानी में जो ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं इनके लिए लेन ड्राइव व इंर्फोसमेंट बहुत जरूरी हो जाता है। इसे लगा तो दिया गया लेकिन लेन ड्राइव को लेकर कभी भी लोगों को अवेयर नहीं किया गया। इंडियन रोड कांग्रेस के मानक के अनुसार सिग्नल के ग्रीन, येलो व रेड होने तक के समयांतर को साइकिल लेंथ कहते हैं। यह लेंथ 120 सेकेंड से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पटना में ट्रैफिक मिक्स है। यहां कार, बस व ठेले, सब एक साथ चलते हैं। इसलिए प्रॉपर इंर्फोसमेंट की तरफ गंभीरता से सोचना होगा।
- प्रो। संजीव सिन्हा, एक्सपर्ट, ट्रैफिक मामले व फैकल्टी, एनआईटी पटना