पटना (ब्यूरो)। ट्रांसजेंडर केवल मनोरंजन करने तक ही समित नहीं है बल्कि कई क्षेत्रों में अपना परचम लहराकर पटना ही नहीं पूरे बिहार का नाम रौशन कर रहे हैं। कोई टीचर है तो कोई कोई इंजीनियर। वहीं कई ऐसे भी हैं जो बीपीएससी क्लियर करने के बाद स्टेट मॉनिटरिंग पद पर कार्यरत हैं । ये जानकारी ट्रांसजेंडर को अवेयर करने के लिए पटना के पूर्व पार्षद रेश्मा प्रसाद ने दी। रेश्मा खुद ट्रांसजेंडर होते हुए समाज को बदलने और ट्रांसजेंडर के प्रति लोगों में अवेयरनेस उत्पन्न करने के लिए लगातार प्रयासरत है। गरिमा गृह के फाउंडर रेश्मा प्रसाद बताती है ट्रांसजेंडर भी समाज का ही व्यक्ति है। लेकिन लोगों की गलत सोच मानसिकता की वजह से ट्रांसजेंडर को सही सम्मान नहीं मिल रहा है। लोग इनसे अब भी दूर रहते हैं या नीच दृष्टि से इन्हें देखते हैं। वास्तविकता इससे अलग है। ट्रांसजेंडर शिक्षा से अपने अधिकारों को हासिल करने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। पढि़ए रिपोर्ट

स्टेट मॉनिटरिंग पद पर है कार्यरत
गरिमा गृह की संचालिका रेश्मा प्रसाद ने बताया ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरी पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है। लेकिन अपने मेहनत के बल पर बीपीएससी क्लियर करने के बाद स्टेट मॉनिटरिंग पद पर ट्रांसजेंडर कार्यरत है। उन्होंने बताया कि लिंग प्रशिक्षण में ट्रांसजेंडर को कई तरह के समस्याओं का सामना अब भी करना पड़ रहा है। इसी की लड़ाई हम लड़ रहे हैं कि हमें भी पुरुष महिला की तरह सामान्य जीवन जी सकें इसलिए यहां बैठें हैं।

14 टीचर व एक डॉक्टर भी हैं कार्यरत
2011 के जनगणना के अनुसार बिहार में कुल 40897 ट्रांसजेंडर है। जिसमें से अब बिहार के विभिन्न सरकारी स्कूलों में 14 टीचर अपने दम पर मुकाम बनाकर कार्यरत है। कटिहार मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक बन लोगों की सेवा करने वाले डॉक्टर में एक ट्रांसजेंडर भी है। पूर्णिया और बेतिया कोर्ट में राज्य के तीन किन्नर लॉ कि पढ़ाई कर अपने अधिकार और जीवकोपार्जन कर रहे हैं। डेवलपमेंट सेक्टर 70 लोग कार्यरत है तो गरिमा गृह में 24 लोग जुड़े हैं।


ट्रांसजेंडर एक नजर में
- स्टेट मॉनिटरिंग के पद पर 1
- सरकारी टीचर 14
- एडवोकेट 3
- डॉक्टर 1
- गरिमा गृह में 24
- डेवलपमेंट सेक्टर में 70
- 2011 के जनगणना के अनुसार बिहार में कुल ट्रांसजेंडर 40897